कोरबा । दीपावली हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन सनातन त्यौहार है।यह कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है और भारत के सबसे बड़े और सर्वाधिक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। दीपावली दीपों का त्योहार है। आध्यात्मिक रूप से यह ‘अन्धकार पर प्रकाश की विजय’ को दर्शाता है,माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा राम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे। अयोध्यावासियों का हृदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित हो उठा था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए। कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं। भारतीयों का विश्वास है कि सत्य की सदा जीत होती है झूठ का नाश होता है। दीपावली यही चरितार्थ करती है- असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय। दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। कई सप्ताह पूर्व ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ हो जाती हैं। लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं, खुशाली के बीच वही अगर आप के घर अगर ज़मीन में चलने वाली मौत आ जाए तो निश्चित ही भय का माहौल बन जाता हैं ऐसा ही कुछ हुआ बीती रात्रि कोरबा के ज़िलाधीश महोदय श्री संजीव झा के बंगले में भगदड़ मच गया जब काम कर रहे लोगों ने घर के समीप एक एक साप देखा फिर क्या था बिना देरी किए इसकी सूचना स्नेक रेस्क्यू टीम वन विभाग सदस्य जितेन्द्र सारथी को दिया गया जिसके फौरन बाद मौके पर पहुंचे और उस साप का रेस्क्यू किया साथ ही जितेन्द्र सारथी ने बताया यह checkered killback हिंदी में डोडिया साप हैं जो बिना जहर वाला है पर यह बहुत ही गुस्सैल और चिड़चिड़ा स्वभाव का साप हैं जो काटने के बहुत ही महसूर हैं, जिसको देखने के लिए स्वयं ज़िलाधीश श्री संजीव झा और उनकी पत्नी पहुंची और साप के विषय मे जानकारी ली तब जाकार सभी ने राहत भरी सास ली।
कोरबा ज़िलाधीश संजीव झा ने रेस्क्यू के उपरांत जितेन्द्र सारथी का परिचय देते हुए कहा कि ये हैं स्नेक मैन ऑफ कोरबा साथ ही दीपावली की बधाई देते हुए जितेन्द्र सारथी के कार्य की सराहना करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
जितेन्द्र सारथी ने कहा पहली बार इतने बड़े अधिकारी के द्वारा हमारे कार्य की सराहना करते हुए धन्यवाद किया ये इस बात को दर्शाता हैं की वर्तमान कोरबा ज़िलाधीश बेहद ही सरल स्वभाव और उच्च विचार के व्यक्ति हैं जिनके पास उच्च पद पर होने पर भी कोई घमंड नहीं उनके सरल स्वभाव को देख कर जितेन्द्र सारथी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा हमारे काम में सम्मान का बहुत बड़ा स्थान हैं जो हम काम करते हैं उनमें पैसे का कोई मोल नहीं बस सम्मान का सब से बड़ा स्थान हैं।