जांजगीर-चांपा। गौठान से समूह की महिलाओं की सतत रूप से आमदनी हो और वे इससे अपनी आजीविका नियमित रूप से प्राप्त कर सकें इसके लिए जरूरी है कि गौठान में अधिक से अधिक आजीविका गतिविधियों का संचालन किया जाए। गुरूवार को जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. फरिहा आलम ने जनपद पंचायत अकलतरा की तरौद, सोनसरी एवं अमोरा गौठान का निरीक्षण करते हुए उक्त निर्देश दिए। उन्होंने इस दौरान मुर्गीपालन, बतखपालन, मशरूम उत्पादन, सब्जी उत्पादन के साथ ही हल्दी, मिर्च एवं धनिया मसाला पिसाई की मशीन लगाने जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी सत्यव्रत तिवारी को निर्देशित किया।
जिपं सीईओ ने समूह की महिलाओं से चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार की मंशानुरूप गौठान का निर्माण किया गया है, ताकि गांव के पशुओं को आश्रय मिल सके। तो वहीं दूसरी ओर समूह की महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए मल्टीएक्टिविटी के कार्य गौठान में किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गौठान में महात्मा गांधी नरेगा से मुर्गीशेड, मशरूम शेड, वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के अलावा तालाब, डबरी का निर्माण किया गया है। निर्माण होने के बाद जरूरी है कि इनका उपयोग समूह की महिलाएं करते हुए स्वरोजगार की ओर आगे बढ़े। उन्होंने तरौद में संचालित गतिविधि मुर्गीपालन, वर्मी शेड, सब्जी बाड़ी का जायजा लिया। उन्होंने समूह की महिलाओं से नियमित रूप से गौठान में आकर वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने कहा। इसके अलावा अमोरा गौठान में सब्जी बाड़ी, मुर्गीपालन शेड, मछलीपालन के लिए बनाए गए तालाब का निरीक्षण किया। उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी हुई समूह की महिलाओं को मछलीपालन करने, मुर्गीपालन के कार्य में आगे आने कहा। सोनसरी गौठान में वर्मी कम्पोस्ट एवं सब्जी बाड़ी, तालाब निर्माण का जायजा लिया। इसके अलावा उन्होंने समूह की महिलाओं से बैग बनाने, ऑफिस फाइल तैयार करने, दोना-पत्तल, चूडी आदि के कार्य करने कहा। इस दौरान उन्होंने जनपद पंचायत सीईओ श्री तिवारी से कहा कि जिन गौठान में समूह के द्वारा मसाला उत्पादन के कार्य को करते हुए आजीविका प्राप्त करना चाह रही हैं, उन समूहों की सूची तैयार करें और संबंधित गौठान में हल्दी मिर्च, धनिया के लिए पल्वराईजर मशीन स्थापित कराएं।
गोबर की नियमित खरीदी जरूरी
गौठान में वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिए जरूरी है कि नियमित रूप से गोबर की खरीदी की जाए। नियमित खरीदी होगी तो समूह के लिए गोबर मिलेगा और वे इससे वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर सकेगी। इसलिए प्रतिदिन गोबर बेचने के लिए पशुपालकों को प्रेरित करें और गौठान प्रबंधन समिति इस कार्य को आगे आकर सहभागिता निभाए। इसके अलावा जो वर्मी कम्पोस्ट तैयार हो चुका है उसका विक्रय कराएं। वर्तमान में किसानों को जैविक खाद की जरूरत है, इसलिए अधिक से अधिक उपलब्ध कराएं
