कोरबा

बन्दर गांव में लोगों पर लगातार कर रहा था हमला, वन विभाग ने किया सफल रेस्क्यू।

 

कोरबा/ट्रैक सिटी न्यूज़।छत्तीसगढ़ राज्य का कोरबा जिला वन्य जीव के साथ खुबसूरत और अनोखे जंगल के लिए जाना जाता हैं जिले में आसमान को छूती पहाड़ हैं वहीं अदभूत और घनघोर जंगल से भरा क्षेत्र जहा आए दिन जंगली हाथी, भालू, तेंदुआ, उद्बीलाओ, उड़नगिलहरी और विश्व का सब से बड़ा विषधर किंग कोबरा ज़िले के जंगल में फल फूल रहें, जिसको बचाने का प्रयास वन विभाग लगातार करने में जुटा हैं साथ ही जिसको बचाने की आवश्यकता भी हैं वहीं कहीं कभी जंगली जानवर भटक कर आबादी क्षेत्र में भोजन के तलाश में पहोंच जाते हैं जिसके कारण लोगों के साथ उनका आमना सामना हो जाता हैं और डर की वजह से लोगों पर हमला कर देता हैं ऐसे ही एक घटना बालकों रेंज के चुहिया गांव में देखने को मिला जहां कुछ दिनो से एक जंगली बन्दर गांव के साथ आस पास के लोगों को भी लगातार दौड़ाता और काटने का प्रयास कर रहा था, गांव वालों को लगा जैसे जंगल से आया हैं वैसे ही पुनः जंगल की ओर वापस चला जाएगा पर लोगों की मुसीबत तब और बढ़ गई जब वह व्यस्क बन्दर एक वृद्ध महिला के घर जाकार घुस कर बैठ गया डरी सहमी महिला जैसे तैसे घर से बाहर निकली और आस पास के लोगों को इसकी जानकारी दी फिर गांव वालों ने इसकी जानकारी वन विभाग को दिया गया उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देश पर बालको रेंजर संजय लकरा, रेस्क्यू टीम जितेन्द्र सारथी टिम के साथ गांव पहुंचे फिर घर में घुसे बन्दर को बड़ी सूझ बूझ के साथ लोहे से बने पिंजड़े में कैद कर बाहर निकाला गया जिसको देखने के लिए पूरा गांव इकट्ठा हो गया और बच्चें बन्दर को देखने के लिए घेर कर खड़े हो गए, उसके पश्चात बन्दर को बिस्कुट और अमरूद दिया गया, भूखा होने की वजह से बड़े आराम से बैठ कर खाने लगा जिसको देख कर सभी ने खुशी जाहिर किया फिर उस बन्दर को गांव से काफ़ी दूर घने जंगल में छोड़ा दिया गया,इस रेस्क्यू में वन विभाग ने बड़ी सूझ बूझ दिखाया जिसमें बालको परिक्षेत्र अधिकारी संजय लकरा, डिप्टी रेंजर संतोष राम, स्नेक रेस्क्यू प्रमुख जितेन्द्र सारथी, बीएफओ ज्योतिष राठिया, राकेश मानिकपुरी, बबलू मरवा, सौरव श्रीवास के साथ गांव के लोग मौजूद रहे।

जितेन्द्र सारथी ने “वन हैं तो हम हैं” कहते हुए सभी आम जनों को बताने का प्रयाश किया की कोरबा का जंगल जैव विविधता से भरा पड़ा हैं इनको बचाना हम सभी का कर्तव्य है, वन्य जीवों के साथ जंगलों को बचाना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है, तब जाकर हमारा कल बेहतर होगा।

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