Mungeli

राजस्व वसूली हेतु प्री-लिटिगेशन प्रकरण हो सकते है एक अच्छे विकल्प- चन्द्र कुमार अजगल्ले जिला न्यायाधीश मुंगेली

मुंगेली (ट्रैक सिटी)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के तत्वाधान में दिनांक 09 मार्च 2024 को वर्ष के प्रथम नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिला मुंगेली में भी किया जाना है जिसे सफल बनाये जाने हेतु चन्द्र कुमार अजगल्ले, जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुंगेली कि अध्यक्षता में हो रही है नियमित रूप से बैठक। इसी तारतम्य में दिनांक 15.02.2024 को जिला न्यायालय मुंगेली में चन्द्र कुमार अजगल्ले, जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुंगेली द्वारा सभी बैंक विभाग विद्युत विभाग एवं नगर पालिका निगम मुंगेली के साथ बैठक कर लोक अदालत के माध्यम से अधिक से अधिक प्री-लिटिगेशन प्रकरण निराकृत किये जाने के संबंध में दिशा-निर्देश दिया गया एवं उनके द्वारा बताया गया कि सरकारी संस्था का पैसा वापस प्राप्त होने से देश के बेहतर विकास के लिए राजस्व इकठ्ठा किये जाने हेतू प्री-लिटिगेशन प्रकरण हो सकता है ’मील का पत्थर’ इसलिए बैठक में उपस्थित सभी सरकारी उपक्रमों के अधिकारियों से प्री-सीटिंग कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया।

मयंक सोनी (सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण) द्वारा लोक अदालत का लाभ बताते हुए बताया गया कि लोक अदालत के माध्यम से प्रकरण का निराकरण कराने से न्यायालय शुल्क की वापसी भी होती है और साथ-साथ पक्षकारोें के मध्य सौहाद्रपूर्ण वातावरण भी बना रहता है। इसके अतिरिक्त न्यायालय में प्रकरण पेश होने से पूर्व ही प्रकरण का निराकरण प्री-लिटिगेशन प्रकरण के रूप में खण्डपीठ द्वारा किये जाने से प्रकरण एक ही दिन में अंतिम चरण पर पहुॅच जाता है और पक्षकार को लंबी कानूनी प्रक्रिया का सामना नही करना पड़ता है एवं लोक अदालत का आदेश की वही वैधता होती है जो समान्य रूप से न्यायालय द्वारा पारित आदेश निर्णय एवं डिक्री की होती है। इसलिए उनके द्वारा कहा गया कि ’’ लोक अदालत भी हो सकता है एक विवाद रहित समाज के निर्माण में सहयोगी ’’।

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