कोरबा (ट्रैक सिटी)/ आदिवासी बालक आश्रम में अनुशासनहीनता का गंभीर मामला सामने आया है, जहाँ आश्रम परिसर में शराब सेवन करते अधीक्षक सहित तीन कर्मचारी रंगे हाथों पकड़े गए। शिकायत की पुष्टि होने पर आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त ने कड़ा रुख अपनाते हुए दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया, वहीं एक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी की सेवा समाप्त कर दी गई है। कार्रवाई के बाद विभागीय कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है।
मामला विकासखंड पोड़ी-उपरोड़ा स्थित प्राथमिक स्तर आदिवासी बालक आश्रम सरभोंका का है। यहां पदस्थ अधीक्षक संजय कुमार पैकरा, दैनिक वेतन भोगी गनपत लाल और कलेक्टर दर कर्मचारी आलम सिंह पैकरा के खिलाफ आश्रम परिसर में शराब सेवन करने की शिकायत आदिवासी विकास विभाग को प्राप्त हुई थी। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सहायक आयुक्त श्रीकांत कसेर ने नोडल अधीक्षक पोड़ी-उपरोड़ा को जांच के निर्देश दिए थे।
निर्देशानुसार 28 नवंबर की रात 9.30 बजे आश्रम का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान अधीक्षक संजय कुमार पैकरा, गनपत लाल और आलम सिंह पैकरा शराब के नशे में धुत्त पाए गए। जांच में यह भी पुष्टि हुई कि तीनों कर्मचारी पूर्व में भी शराब सेवन की आदत के लिए चिन्हित रहे हैं। गंभीर कदाचार को देखते हुए विभाग ने त्वरित और कठोर कार्रवाई करते हुए दैनिक वेतन भोगी गनपत सिंह बिंझवार की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी हैं। वहीं, अधीक्षक संजय कुमार पैकरा को निलंबित कर मुख्यालय सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास कोरबा में संलग्न किया गया है। कलेक्टर दर कर्मचारी आलम सिंह पैकरा को भी निलंबित करते हुए कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कोरबा में संलग्न किया गया है।

विभाग की इस सख्त कार्रवाई से महकमे में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों का कहना है कि आश्रम प्रणाली में अनुशासनहीनता किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी और भविष्य में ऐसे मामलों पर और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

