◆ जल्द शुरू किया जाएगा कोल प्रेषण
◆ पहली बार 30 किमी रफ्तार से दौड़ी मालगाड़ी
कोरबा (ट्रैक सिटी) कोरबा जिले में उरगा से कुसमुंडा तक बनाई गई 12.637 किलोमीटर लंबी नई विद्युतीकृत ब्रॉडगेज रेल लाइन पर पहली बार 30 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से मालगाड़ी चलाकर रेल अधिकारियों ने इस लाइन का परीक्षण किया। इसके साथ ही कोल प्रेषण के शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है।
दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे के बिलासपुर मंडल में उरगा से कुसमुंडा तक 12.637 किलोमीटर लंबी नई विद्युतीकृत ब्रॉडगेज रेल लाइन रेल खंड छत्तीसगढ़ ईस्ट-वेस्ट रेल कॉरिडोर (गेवरा रोड-पेंड्रा रोड) नई रेल परियोजना का महत्वपूर्ण हिस्सा है। बतौर परीक्षण के लिए चलाई गई इस मालगाड़ी की गति सीमा 30 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई थी। इस रेल लाइन पर अधिकतम गति सीमा 75 किलोमीटर तय की गई है, लेकिन इस गति से चलाने के लिए अनुमति अभी नहीं मिली है। फिलहाल इस मार्ग पर जो भी मालगाड़ी चलाई जाएगी उसकी गति 30 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक नहीं होगी।
इरकॉन कंपनी ने किया इसका निर्माण कार्य
उरगा-कुसमुंडा बाइपास नई रेल लाइन का कार्य इरकॉन कंपनी ने किया है। 12.637 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन में 10.998 किलोमीटर का कार्य इरकॉन ने किया। वहीं शेष वर्किंग रेलवे के गतिशक्ति विभाग ने किया है। सिंगल रेल लाइन पर हसदेव नदी पर एक किलोमीटर लंबे रेल ब्रिज के साथ 2 लेवल क्रासिंग, 3 आरओबी के साथ 2 एचटी इलेक्ट्रिकल ओवरहेड क्रासिंग है। सिंगल बाइपास रेल लाइन पर दोनों तरफ से मलागाड़ी चलाई जाएगी।
निरीक्षण पश्चात अधिकारियों ने दी थी हरी झंडी
नई रेल लाइन का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण टीम में सीपीएम एसईसीआर, एडीआरएम बिलासपुर, डिप्टी सीई बिलासपुर मंडल और इरकॉन समेत बिलासपुर डिवीजन के संबंधित शाखाओं के अधिकारी शामिल थे। संबंधित पीएचओडी ने संयुक्त सुरक्षा ने प्रमाणित किया है कि सीटीई द्वारा अनुशंसित अधिकतम 30 किमी प्रति घंटे की गति से माल यातायात चलाना सुरक्षित है।
शहर की क्रॉसिंग पर दबाव हो जाएगा कम
कुसमुंडा खदान का कोयला साइडिंग से सीधे बाइपास होकर उरगा पहुंचेगा। वहीं उरगा से खाली रैक कुसमुंडा खदान पहुंचेगा। समान्य मौसम में कुसमुंडा से रोजाना 10 से 12 रैक कोयला प्रेषित होता है। वहीं इतनी ही खाली मालगाड़ी साइडिंग पहुंचती हैं। परीक्षण होने के बाद अब जल्द ही इस ट्रैक पर मालगाड़ी नियमित चलने लगेगी। ऐसा होने के साथ ही कोरबा शहर के बीच से गुजरी रेल लाइन पर मालगाड़ी का दबाव कम होने के साथ ही क्रासिंग पर लोगों को खड़े होकर इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

