कोरबा

 फ्री-होल्ड कराने में नहीं होगी परेशानी

सरकारी और कृषि भूमि पर बसी 9 कॉलोनियों में मकानों की रजिस्ट्री का रास्ता हुआ साफ
◆ हाउसिंग बोर्ड कॉलोनियों के लिए डायवर्सन की अनिवार्यता हुई समाप्त
◆ मकान मालिकों को मिली राहत

कोरबा (ट्रैक सिटी) कोरबा जिले के 9 अलग-अलग स्थानों पर हाउसिंग बोर्ड की आवासीय कॉलोनियों में रहने वालों को अब मकानों के फ्री-होल्ड कराने में परेशानी नहीं होगी। प्रदेश शासन की ओर से आवंटित भूमि के डायवर्सन की अनिवार्यता को खत्म करने से ही हजारों लोगों ने राहत की सांस ली है। पहले राजस्व रिकार्ड में हाउसिंग बोर्ड के प्रोजेक्ट सरकारी और कृषि भूमि के रूप में प्रदर्शन हो रहे थे। इसके साथ ही मकानों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ हो गया है।
जिले में हाउसिंग बोर्ड की कुल 9 कॉलोनियों में अलग-अलग प्रकार के कुल 2498 मकान हैं। स्वतंत्र व फ्लैट की ये कालोनियां जिस जगह बसी हैं, उसमें से अधिकांश कृषि या शासकीय भूमि के रूप में प्रदर्शित हो रही हैं। इन कालोनियों में मकान खरीदने वाले जिन लोगों ने सितंबर 2024 से पहले अपने आवासों को फ्री होल्ड कराया था, उन्हें तो कोई समस्या नहीं है, लेकिन जो बाद में फ्री होल्ड के आवेदन लेकर पहुंचे वे भूमि प्रयोग में सुधार नहीं होने के फेर में फंसकर रह गए। शासन ने हाउसिंग बोर्ड के ऐसे मकानों की फ्री होल्ड रजिस्ट्री करने पर रोक लगा दी थी। राजस्व रिकार्ड में कालोनी की भूमि कृषि भूमि और जॅजरा, कटघोरा की हाउसिंग बोर्ड दादरखुर्द, बरबसपुर, खरमोरा, उरगा, झगरहा व सेमीपाली की कालोनियों की भूमि भी कृषि व शासकीय भूमि के रूप में प्रदर्शित थीं। जिसके कारण यहां वे मकान मालिक जो फ्री होल्ड कराना चाहते थे वे नहीं करा पा रहे थे। हालांकि अब इन लोगों के लिए फ्री होल्ड का रास्ता साफ हो गया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने मंडल को पूर्व में आवंटन सभी भूमियों को लैंड डायवर्सन से मुक्त करने का निर्णय लिया है। वे हाउसिंग बोर्ड के संभागीय कार्यालय से संपर्क कर फ्री होल्ड की प्रक्रिया पूरी करा सकेंगे।
गृह निर्माण मंडल को आवंटित भूमि का व्यपवर्तन के लिए पुनर्निर्धारण से छुट दी गई है। अब गृह निर्माण मंडल द्वारा सभी योजनाओं की संपत्तियों को फ्री होल्ड में परिवर्तित किए जाने पर राजस्व विभाग के दस्तावेजों में नामांतरण सरलता से दर्ज किया जा सकेगा। क्योंकि जब हितग्राही राजस्व अभिषेक में नामांतरण के लिए आवेदन देते थे, तब भूमि स्वामी के रूप में उनका नाम तो दर्ज हो जाता था, लेकिन भू प्रयोग में सुधार नहीं होने के कारण वह भूमि तब भी कृषि अथवा शासकीय रूप में दर्शित होती थी।
छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल रायपुर के अतिरिक्त आयुक्त एस.के. भगत ने बताया कि 25 सितंबर को ऐसे प्रकरणों में फ्री होल्ड पर रोक लगा दी गई थी, जिनमें भूमि कृषि, शासकीय या अन्य रूप में दर्ज थी। अब शासन से इस भू-संहिता संशोधन के बाद फिर से फ्री होल्ड करने के आदेश 29 सितंबर 2025 को जारी कर दिया गया है। जो हाउसिंग बोर्ड के सभी संभागीय अधिकारियों को भी भेजा गया है।

 

Editor in chief | Website |  + posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button