कोरबा (ट्रैक सिटी)/ वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने आदिशिल्पी भगवान विश्वकर्मा की पूजा बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ संपन्न की। रंग-बिरंगे पंडालों, आकर्षक सजावट और गूंजते जयघोष से पूरा संयंत्र परिसर भक्ति और उमंग से सराबोर हो उठा।
सुबह से ही संयंत्र की विभिन्न इकाइयों और कार्यालयों में भगवान विश्वकर्मा की स्थापना की गई, जहाँ कंपनी के सीईओ एवं वरिष्ठ अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेका कामगारों ने मिलकर पूजा-अर्चना की। सभी ने मिलकर कंपनी की उत्तरोत्तर प्रगति, सुरक्षा और समृद्धि की प्रार्थना की। धार्मिक अनुष्ठानों के उपरांत सभी को प्रसाद वितरित किया गया।
विश्वकर्मा पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि बालको की कार्यसंस्कृति का प्रतीक है। भगवान विश्वकर्मा को सृजन और नवाचार का देवता माना जाता है, और यही भावना बालको के हर कार्य में दिखाई देती है। उनके आदर्श कंपनी की जीरों हार्म नीति, सुरक्षित कार्यस्थल की संस्कृति तथा सतत प्रगति के दृष्टिकोण को सशक्त बनाते हैं।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक राजेश कुमार ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा की जयंती हमें यह सिखाती है कि हर सृजन तभी सार्थक होता है, जब उसमें सुरक्षा, देखभाल और जिम्मेदारी जुड़ी हो। भगवान विश्वकर्मा के आशीर्वाद से बालको निरंतर नवाचार और प्रगति की ओर बढ़ रहा है।
यह दिन हमें याद दिलाता है कि प्रत्येक कर्मचारी का कार्य और प्रयास ही हमारी सामूहिक सफलता की नींव है। कंपनी औद्योगिक विकास के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हमारे कर्मचारियों की एकजुटता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।
बालको अपनी स्थापना से प्रत्येक वर्ष विश्वकर्मा जयंती मना रहा है। यह आयोजन इस बात का प्रतीक बना कि बालको उद्योग और नवाचार के साथ-साथ परंपरा और मानवीय मूल्यों को भी समान महत्व देता है