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बालको ‘मिलियन टन क्लब’ में शामिल होने के लिए तैयार, एल्यूमिनियम के क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता होगी मजबूत।

कोरबा (ट्रैक सिटी)/ भारत की प्रतिष्ठित एल्यूमिनियम उत्पादक और वेदांता एल्यूमिनियम की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बाल्को) ने अपनी 1 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) विस्तार परियोजना के तहत देश के सबसे बड़े 525 किलो एम्पीयर (केए) स्मेल्टर से पहली बार धातु का उत्पादन कर भारतीय एल्यूमिनियम उद्योग में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इस तकनीकी प्रगति ने 378 केए के पूर्व राष्ट्रीय मानक को पीछे छोड़ दिया है और विभिन्न मानदंडों, दक्षता और प्रचालन उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित करने की ओर अग्रसर है।

नए 0.435 मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता के स्मेलटर के प्रारंभ होने के साथ बालको की कुल एल्यूमिनियम उत्पादन क्षमता एक मिलियन टन प्रति वर्ष तक पहुंच जाएगी। इसके साथ ही कंपनी ‘मिलियन टन क्लब’ के चुनिंदा वैश्विक उत्पादकों में शामिल हो जाएगी। यह विस्तार भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ विजन के अनुरूप है। रक्षा, एयरोस्पेस, ऑटोमोटिव, विनिर्माण और विद्युत पारेषण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए घरेलू स्तर पर उत्पादित, उच्च गुणवत्ता वाले एल्यूमिनियम की व्यापक उपलब्धता सुनिश्चित कर बालको ने देश की आत्मनिर्भरता नए आयाम दिए हैं।

इस विस्तार के साथ ही भारत के कुल एल्यूमिनियम उत्पादन में 20 प्रतिशत से अधिक के योगदान के साथ बालको देश में औद्योगिक प्रगति के अगुवा के तौर पर स्थापित हो जाएगा। बालको की इस उपलब्धि में लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी), असिया ब्राउन बोवेरी (एबीबी), सीमेंस और गुइयांग एल्यूमिनियम मैग्नीशियम डिजाइन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट कंपनी लिमिटेड (जीएएमआई) सहित अग्रणी वैश्विक और घरेलू साझेदारों का योगदान है जिनके समन्वयन से बालको ने नए स्मेल्टर में उन्नत इंजीनियरिंग, स्वचालित और दक्षता-संचालित प्रणालियां स्थापित की हैं।

बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक राजेश कुमार ने स्मेल्टर के विस्तार पर कहा, ‘‘मिलियन टन क्लब में प्रवेश कर बालको ने भारत की आत्मनिर्भरता की यात्रा में नई इबारत लिखी है। एल्यूमिनियम राष्ट्रीय महत्व की धातु है जिसका उपयोग रणनीतिक क्षेत्रों और दैनिक जीवन में व्यापक रूप से किया जाता है। इस विस्तार के माध्यम से हम न केवल घरेलू क्षमता को बढ़ावा दे रहे हैं बल्कि रोजगार के नए अवसर सृजित कर रहे हैं। विस्तार से एल्यूमिनियम आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन तो मिलेगा ही, छत्तीसगढ़ तथा अन्य क्षेत्रों में आर्थिक विकास की गति तेज होगी। इनसे राष्ट्र निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता, जिम्मेदारी, दक्षता और नवाचार के प्रति जज्बे को और भी मजबूत मिलेगी।’’

इसके साथ ही, भारत में उन्नत एल्यूमिनियम एप्लिकेशंस की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए बालको अपनी डाउनस्ट्रीम क्षमता में विस्तार कर रहा है। कंपनी ने अपनी रोल्ड उत्पाद सुविधा का आधुनिकीकरण और विस्तार 1.8 लाख टन प्रति वर्ष (एलटीपीए) तक किया है ताकि महत्वपूर्ण उद्योगों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। इसके अलावा एक नई 50 केटीपीए वायर रॉड लाइन की शुरूआत की गई है जिससे बालको की कुल वायर रॉड क्षमता बढ़कर 2.3 एलटीपीए हो गई है। ये निवेश कंपनी के मूल्यवर्धित उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार कर भारत की विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार लाएंगे।

बालको की क्षमता विस्तार 1 एमटीपीए होने से वेदांता एल्यूमिनियम की क्षमता बढ़कर 2.8 एमटीपीए हो जाएगी जिससे यह दुनिया का सबसे बड़ा एल्यूमिनियम उत्पादक और भारत की औद्योगिक आत्मनिर्भरता का प्रमुख स्तंभ बन जाएगा। प्रौद्योगिकी नेतृत्व, प्रक्रिया दक्षता और प्रचालन उत्कृष्टता का लाभ उठाकर कंपनी उत्पादकता और सस्टेनिबिलिटी के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित कर रही है। उन्नत स्मेल्टिंग प्रौद्योगिकी अपनाने से बालको की ऊर्जा दक्षता में महत्वपूर्ण बढ़ोत्तरी होगी है। यह उत्तरदायित्वपूर्ण विकास के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

 

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