कोरबा (ट्रैक सिटी)/ ब्रह्माकुमारीज़ आध्यात्मिक ऊर्जा पार्क, गेरवा घाट में तनाव मुक्ति के लिए “ध्यान का महत्व” विषय पर एक विशेष आध्यात्मिक सत्संग एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कोरवा नगर पालिक निगम की महापौर संजू देवी राजपूत उपस्थित रहीं। उनके साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में नगर निगम के सभापति नूतन सिंह ठाकुर, डॉ. के.सी. देवनाथ, ब्रह्माकुमारीज़ कोरबा सेवाकेंद्र की संचालिका बी.के. रुक्मणी दीदी साथ वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके बिंदु भी उपस्थित रहें। कार्यक्रम का शुभारंभ शांतिमय वातावरण में दीप प्रज्वलन और राजयोग के अनुभव से हुआ।
बड़ी संख्या में नागरिक, महिलाएँ तथा युवा वर्ग ने इस आयोजन में भाग लेकर तनावमुक्त जीवन की विधियों को सीखा। इस अवसर पर संजू देवी राजपूत ने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली में तनाव हमारे स्वास्थ्य, व्यवहार और निर्णय क्षमता को प्रभावित करता है। ऐसे समय में ब्रह्मा कुमारीज़ द्वारा दिया जाने वाला राजयोग ध्यान न केवल मानसिक शांति देता है, बल्कि सकारात्मक सोच व आत्मविश्वास भी बढ़ाता है। उन्होंने कहा की “यदि हम प्रतिदिन कुछ समय अपने मन को शांत करने में लगाएँ, तो परिवार, समाज और कार्यक्षेत्र में संतुलन बना सकते हैं। आध्यात्मिक ऊर्जा पार्क जैसे केंद्र समाज को सकारात्मक दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
नूतन सिंह ठाकुर ने कहा की ध्यान व्यक्ति के भीतर धैर्य, सहनशीलता और निर्णय क्षमता विकसित करता है। उन्होंने उपस्थित जनों से आग्रह किया कि वे तनाव को दवा से नहीं, बल्कि ध्यान, अनुशासन और सकारात्मक विचारों से दूर करने की आदत विकसित करें। साथ ही उन्होंने ब्रह्माकुमारीज़ संस्था की सामाजिक, शैक्षणिक और आत्मिक उत्थान की सेवाओं की सराहना की। डॉ. देवनाथ ने चिकित्सा दृष्टिकोण से समझाया कि मानसिक तनाव कई बीमारियों की जड़ है। उन्होंने बताया कि ध्यान से रक्तचाप संतुलित रहता है, नींद में सुधार होता है और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। उन्होंने कहा की “राजयोग ध्यान चिकित्सा विज्ञान और आध्यात्मिकता का सुंदर समन्वय है।
यदि लोग इसे जीवनशैली का हिस्सा बना लें, तो अस्पतालों में रोगियों की संख्या स्वाभाविक रूप से कम हो सकती है। बी.के. बिंदु ने समझाया कि तनाव का मूल कारण नकारात्मक विचार और आत्म-भूल है। राजयोग के माध्यम से मन को ईश्वर से जोड़ने पर व्यक्ति अंदर से शक्तिशाली और शांत बनता है। उन्होंने कहा की “ध्यान कोई कठिन प्रक्रिया नहीं, बल्कि अपनी आत्मा को पवित्र, शक्तिशाली और शांत रूप में अनुभव करने की विधि है। जब मन बदलता है, तो परिस्थिति भी बदलने लगती है। बी. के. रुक्मणि ने बताया की तनावमुक्त जीवन के लिए सकारात्मक दिनचर्या, आत्मचिंतन और नियमित ध्यान जरूरी है।
उन्होंने बताया कि ब्रह्माकुमारीज़ में सिखाया जाने वाला ध्यान सभी धर्मों, सभी वर्गों और हर आयु के लोगों के लिए सहज और उपयोगी है। उन्होंने सभी को प्रतिदिन 10-15 मिनट राजयोग के अभ्यास की प्रेरणा दी। कार्यक्रम के अंत में बी. के. विद्या ने सभी को राजयोग का अभ्यास कराया तपञ्च्चात सभी अतिथियों को ईश्वरीय सौगात एवं प्रसाद भी दिया गया। उपस्थित जनों ने सामूहिक ध्यान द्वारा गहन शांति का अनुभव किया, और नियमित ध्यान का संकल्प लिया।

