रायपुर

भाजपा का तिरंगा अभियान केवल दिखावे के लिये

 

◆ आम आदमी तो अपने घरों में तिरंगा फहराता है, संघ की शाखाओं में क्यों तिरंगे से परहेज?

◆ भाजपा का तिरंगा यात्रा केवल राजनीतिक पाखंड, ऑपरेशन सिंदूर को रुकवाने को लेकर ट्रंप के दावे पर भाजपाई खामोश

रायपुर/ट्रैक सिटी :। भारतीय जनता पार्टी द्वारा तिरंगा यात्रा अभियान को राजनीति के पाखंड करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि तिरंगा हर भारतीय के लिए आन बान शान है, लेकिन भाजपाइयों के लिए यह केवल राजनैतिक विषयवस्तु है। भाजपा का राष्ट्रवाद और तिरंगा प्रेम केवल दिखावा है, असलियत में तिरंगा के प्रति भाजपाइयों के मन में हिकारत है भाजपा तो मुखौटा है उनके पित्र संगठन के लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का बार-बार अपमान किया तीन रंग को अपशगुन बताएं, अब केवल राजनीतिक स्वार्थ के लिए घर घर यात्रा निकाल रहे हैं। भाजपा के तय कार्यक्रम के अनुसार तिरंगा यात्रा में ऑपरेशन सिंदूर को जोड़े जाने को मोदी सरकार की नाकामी पर परदेदारी करार देते हुए कहा कि सेना के शौर्य पर राजनीति करना भाजपा का चरित्र बन चुका है। पुलवामा और गलवान पर भाजपाई मौन हो जाते हैं, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने 32 बार यह दावा किया है कि उन्होंने व्यापार का लालच देकर अपने सिंदूर स्थगित करवाया, मोदी, शाह सहित तमाम भाजपाई इस पर मौन क्यों है? पहलगाम हमले के साढ़े तीन महीने बाद भी आज तक आतंकी ना पकड़े गए ना ही उन्हें मारे गया किसके संरक्षण में वे भागे, सुरक्षा में गंभीर चूक के लिए जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की गई? भाजपा बताये आजादी के बाद 52 सालों तक संघ के मुख्यालय नागपुर में तिरंगा क्यों नहीं फहराया गया था? आजादी के बाद दशको तक भाजपा के पितृ संगठन आरएसएस ने क्यों राष्ट्रीय ध्वज को स्वीकार नहीं किया था?

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा भाजपाई आत्म अवलोकन करें कि उनके पूर्वजों ने क्यों तिरंगे को अपमानित किया था। आज भी संघ के शाखाओं में तिरंगा क्यों नहीं फहराया जाता? देशवासी तो गर्व से अपने घरों में तिरंगा फहराते है, संघ की शाखाओं में तिरंगा क्यों नहीं फहराया जाता है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस ने ही 1929 में लाहौर अधिवेशन के समय रावी नदी के किनारे तिरंगा फहराया और पूर्ण स्वराज का नारा दिया था, उसके बाद से हर साल 26 जनवरी को तिरंगा फहराया जाने लगा। आजादी की 77वीं वर्षगांठ पर देश भक्ति का जलसा निकालने की नौटंकी करने वालों के पूर्वज स्वतंत्रता संग्राम के समय अंग्रेजों के पैरोकार की भूमिका में खड़े थे।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि देश की आन-बान-शान का प्रतीक रहे तिरंगा को भाजपा ने पितृ पुरुष गोलवलकर ने देश के लिये अपशगुन बताया था। तिरंगे के प्रति सम्मान का आडंबर कर रही भाजपा के आदर्श गोलवलकर ने अपनी पुस्तक बंच ऑफ थॉट्स में तिरंगा को राष्ट्रीय ध्वज मानने से ही मना कर दिया था। इस पुस्तक में उन्होंने लोकतंत्र और समाजवाद को गलत बताते हुए संविधान को एक जहरीला बीज बताया था। 14 अगस्त 1947 को आरएसएस के मुखपत्र द ऑर्गेनाइजर में लिखा था “तीन शब्द ही अशुभ है, तीन रंगों वाला झंडा निश्चित तौर पर बुरा मनोवैज्ञानिक प्रभाव पैदा करेगा और देश के लिये हानिकारक साबित होगा।” 30 जनवरी 1948 को जब महात्मा गांधी की हत्या कर दी गयी तो अखबारों के माध्यम से खबरें आई थीं कि आरएसएस के लोग तिरंगे झंडे को पैरों से रौंदकर खुशी मना रहे थे। आज़ादी के संग्राम में शामिल लोगों को आरएसएस की इस हरकत से बहुत तकलीफ हुई थी।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा के पितृ संगठन आरएसएस के मूलस्वरूप हिन्दू महासभा का गठन 1925 में हुआ, देश आजाद 1947 में हुआ इन 22 सालों तक भारत के आजादी की लड़ाई में हिन्दू महासभा का क्या योगदान था? भाजपाई बता नहीं सकते। 1947 में जब देश आजाद हुआ तब दीनदयाल उपाध्याय 32 वर्ष के परिपक्व नौजवान थे, देश की आजादी की लड़ाई में उनका क्या योगदान था? कितनी बार जेल गये? 1942 में कांग्रेस महात्मा गांधी की अगुवाई में भारत छोड़ो आंदोलन चला रही थी, तब भाजपा के पितृ पुरुष श्यामा प्रसाद मुखर्जी अंग्रेजी हूकूमत को सलाह दे रहे थे कि भारत छोड़ो आंदोलन को क्रूरतापूर्वक दमन किया जाना चाहिये। अंग्रेजो के इशारे पर मुस्लिम लीग के साथ मिलकर बंगाल में अंतरिम सरकार बनाये। ऐसी विचार धारा वाली भाजपा की तिरंगा यात्रा निकालना केवल राजनैतिक ढोंग है।

Editor in chief | Website |  + posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button