एमसीबी (ट्रैक सिटी)/ जिला कार्यालय के सभा कक्ष में आयोजित समय-सीमा की बैठक में कलेक्टर डी. राहुल वेंकट ने सभी विभागीय अधिकारियों को पारदर्शी, जवाबदेह और परिणाममुखी कार्यप्रणाली अपनाने के निर्देश देते हुए कहा कि शासन की हर योजना का उद्देश्य जनता तक अधिकतम लाभ पहुंचाना है। उन्होंने कलेक्टर कॉन्फ्रेंस से जुड़े बिंदुओं की समीक्षा करते हुए डीएमएफ मद से स्वीकृत कार्यों का नियमानुसार संधारण करने और भंडार क्रय नियमों का कड़ाई से पालन करने की हिदायत दी।
कलेक्टर ने पीएम पोर्टल पर प्राप्त जन शिकायतों का समयबद्ध एवं निष्पक्ष निराकरण प्राथमिकता से करने को कहा। तहसीलवार डीसीएम और गिरदावरी कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने अधिकारियों को तथ्यपरक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। ई-ऑफिस व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के लिए भरतपुर और खड़गवां में विशेष प्रशिक्षण आयोजित करने तथा सभी फाइलों को केवल ई-ऑफिस के माध्यम से संचालित करने पर बल दिया गया।
इसके साथ ही जैम पोर्टल से जुड़ी खामियों को सुधारने, स्थानीय सप्लायरों को जोड़ने और कार्यशाला आयोजित करने के निर्देश दिए गए। सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों की समीक्षा करते हुए उन्होंने आवास, उज्जवला और अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं के त्वरित निष्पादन पर जोर दिया। राजस्व विभाग को लंबित प्रकरण शीघ्र निपटाने, डीसीएस समितियों में सुधार लाने, पंजीकृत किसानों की स्थिति स्पष्ट करने तथा जहां डीसीएस लागू नहीं है वहां तत्काल क्रियान्वयन के निर्देश दिए गए। कृषि विभाग को ई-केवाईसी, आधार सेंडिंग और कृषि आंकड़ों की सटीकता सुनिश्चित करने पर बल दिया गया। पीएम सूर्य घर योजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने फर्जी पीएम किसान निधि मामलों की जांच और रोकथाम के निर्देश दिए। वहीं स्वास्थ्य विभाग को आरोग्य केंद्रों और जिला अस्पतालों में बीपी और शुगर की नियमित जांच अनिवार्य करने, एनसीडी स्क्रीनिंग पर फोकस बढ़ाने तथा कुपोषण उन्मूलन हेतु ठोस कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए।
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी, मीजल्स-रुबेला उन्मूलन, एनीमिया और मलेरिया जनजागरूकता कार्यक्रमों को प्राथमिकता देने तथा एनआरसी-एमआईसी पोर्टल में समय पर अपडेट सुनिश्चित करने को कहा गया। आंगनबाड़ी केंद्रों की समीक्षा में कलेक्टर ने बच्चों का मापन सही रखने, रिक्त पदों की जानकारी समय पर भेजने और सक्षम आंगनबाड़ी केंद्रों हेतु प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने मितानिनों को 13 प्रकार की आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराने को कहा। शिक्षा विभाग की समीक्षा में कलेक्टर ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, बालवाड़ी, बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान, बहुभाषा शिक्षा और पीएम ई-विद्या के प्रभावी क्रियान्वयन की बात कही।
उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि केवल आधार सत्यापित बच्चों को ही जूते, किताबें और साइकिल जैसी सामग्री वितरित की जाए तथा विद्यार्थियों को केवल शिक्षा विभाग के कार्यक्रमों में ही शामिल किया जाए। मिशन अमृत 2.0 और जल प्रदाय योजनाओं की समीक्षा में उन्होंने तय समयसीमा में कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण एवं शहरी) के लक्ष्यों की पूर्ति पर बल देते हुए पीएम जनमन और मुख्यमंत्री आवास योजना के अधूरे आवासों को जनवरी तक पूर्ण करने का लक्ष्य तय किया। नगरीय प्रशासन को 1 नवंबर तक पांच लाख आवास पूर्ण करने, सचिवों व रोजगार सहायकों को हितग्राहियों के साथ क्षेत्र भ्रमण करने के निर्देश दिए गए। मत्स्य विभाग को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, राष्ट्रीय मत्स्य पंजीकरण, आधार व बैंक लिंकिंग और धान में मछली पालन हेतु एक्शन प्लान तैयार करने को कहा गया। उद्योग विभाग को भरतपुर में भूमि चिन्हांकन, लवलीहुड कॉलेज की बाउंड्री निर्माण, सीजीएमएससी एवं फिजियोथेरेपी केंद्र की स्थापना, गौठान विस्तार और मिलेट कैफे की स्थापना पर प्रगति लाने के निर्देश दिए गए।
विद्युत विभाग को स्कूलों में कला प्रतियोगिताओं के माध्यम से बिजली संरक्षण पर आधारित कार्यक्रम आयोजित करने को कहा गया। समापन में कलेक्टर डी. राहुल वेंकट ने कहा कि शासन की योजनाएं तभी सार्थक होंगी जब उनका प्रभाव धरातल पर दिखे। प्रत्येक अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि विकास कार्यों में पारदर्शिता, गुणवत्ता और जनसहभागिता सर्वाेच्च प्राथमिकता रहे। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार की शिथिलता या अनियमितता पाए जाने पर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्रीमती अंकिता सोम शर्मा, अपर कलेक्टर श्रीमती नम्रता डोंगरे, अनिल कुमार सिदार, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती इंद्रा मिश्रा, एसडीएम लिंगराज सिदार, शशिशेखर मिश्रा, विजयेन्द्र सारथी, सभी जनपद सीईओ और जिला स्तरीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।