एमसीबी/ट्रैक सिटी : भारत सरकार की प्रमुख सामाजिक पहल ‘‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’’ के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग के महिला सशक्तिकरण केंद्र (हब) द्वारा 1 से 7 अगस्त 2025 तक आयोजित ‘‘विश्व स्तनपान सप्ताह’’ के अवसर पर जिले में व्यापक जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। विश्व स्तनपान सप्ताह के 34 वें संस्करण 2025 के आयोजन में स्तनपान एवं सुरक्षित मातृत्व पर केंद्रित जागरूकता कार्यक्रमों का संचालन कलेक्टर डी. राहुल वेंकट के निर्देशन में एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी राजकुमार खाती के मार्गदर्शन में किया गया। “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ“ योजना के अंतर्गत “स्तनपान को प्राथमिकता दें, स्थायी सहायता प्रणाली बनाएं“ की थीम पर आधारित यह सप्ताह 1 अगस्त से 7 अगस्त 2025 तक जिले की समस्त परियोजनाओं में मनाया गया। इस दौरान 01 से 07 अगस्त तक सभी परियोजनाओं में स्तनपान जागरूकता सत्रों का आयोजन किया गया। एमसीबी जिले के खड़गवां, चिरमिरी, भरतपुर एवं मनेंद्रगढ़ परियोजनाओं में व्यापक स्तर पर कार्यक्रम संपन्न हुए। मिशन शक्ति “हब“ के सहयोग से उप स्वास्थ्य केंद्रों के कर्मचारियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं ने मिलकर ग्रामीण समुदाय की गर्भवती एवं शिशुवती माताओं को स्तनपान के वैज्ञानिक महत्व, विशेषकर पहले पीले गाढ़े दूध (कोलेस्ट्रम) के पोषणीय मूल्य एवं नवजात की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले गुणों के बारे में जागरूक किया। कार्यक्रमों में गर्भवती, शिशुवती एवं नवप्रसूता माताओं को स्तनपान के लाभ, पर्याप्त स्तनपान और गर्भावस्था से लेकर प्रसव उपरांत तक संतुलित पोषण आहार की जानकारी दी गई। इस वर्ष की थीम “स्तनपान को प्राथमिकता दें, स्थायी सहायता प्रणाली बनाएं“ के अनुरूप इस बात पर बल दिया गया कि हर मां को अपनी इच्छानुसार स्तनपान कराने के लिए सही मार्गदर्शन, सहायता और अनुकूल वातावरण उपलब्ध हो। इस उद्देश्य को लेकर गुणवत्तापूर्ण स्तनपान परामर्श, शिशु दूध के विकल्प, बोतल दूध के प्रयोग और शिशु आहार की जानकारी प्रदान की गई ताकि घर, स्वास्थ्य सेवा प्रणाली एवं कार्यस्थलों पर एक परिपोषक वातावरण तैयार किया जा सके। शून्य से छह महीने तक के शिशुओं को केवल स्तनपान कराने के लिए विशेष रूप से माताओं को सहयोग दिया जा रहा है जिससे शिशुओं के स्वास्थ्य में स्वाभाविक रूप से सुधार सुनिश्चित हो सके। साथ ही, स्तनपान की स्थिति में व्यापक सुधार लाने हेतु समुदाय एवं परिवारों के बीच संवेदीकरण के लिए विभिन्न मैदानी गतिविधियां आयोजित की गईं। इनमें गर्भवती महिलाओं और नई माताओं को स्तनपान के स्वास्थ्य लाभों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया, स्तनपान से जुड़ी भ्रांतियों को वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर दूर किया गया तथा माताओं को आत्मविश्वासपूर्वक स्तनपान कराने हेतु प्रेरित किया गया। कार्यक्रमों के दौरान माताओं में स्तनपान के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण में स्पष्ट वृद्धि देखने को मिली। विभिन्न परियोजना केंद्रों में जच्चा-बच्चा विषयक रंगोली प्रतियोगिताओं सहित अन्य रचनात्मक गतिविधियाँ भी आयोजित की गईं। समापन अवसर पर आयोजित मुख्य कार्यक्रमों में परियोजना अंतर्गत परिक्षेत्र के जनप्रतिनिधि, सेक्टर सुपरवाइजर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं अनेक गणमान्य नागरिकों की गरिमामयी उपस्थिति रही। इसी के साथ इस वर्ष के स्तनपान सप्ताह का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
