कोरबा/ट्रैक सिटी : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन द्वारा 9 जुलाई की आम हड़ताल का समर्थन में एक संयुक्त बयान जारी कर
माकपा के जिला सचिव कॉमरेड प्रशांत झा, भाकपा के जिला सचिव कॉमरेड पवन कुमार वर्मा, और भाकपा (माले) लिबरेशन के जिला सचिव कॉमरेड बी. एल. नेताम ने अपने संयुक्त वक्तव्य में कहा, “9 जुलाई 2025 को ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच द्वारा आहूत देश व्यक्ति आम हड़ताल को अपना पूर्ण समर्थन देते हैं। जिसमें दस केंद्रीय ट्रेड यूनियन (सीटीयू) और स्वतंत्र अखिल भारतीय सेक्टोरेल फेडरेशन्स और एसोसिएशन शामिल है। आम हड़ताल मुख्य रूप से श्रम संहिताओं के कार्यान्वयन के खिलाफ बुलाई गई है, जो कॉरपोरेट एजेंडे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य श्रमिकों के बुनियादी लोकतांत्रिक अधिकारों को गंभीर रूप से कम करना है, जिसमें संगठित होने और सामूहिक कार्रवाई करने का उनका अधिकार भी शामिल है। भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार जो अब अपने तीसरे कार्यकाल में है, अपने नव उदारवादी एजेंडे को आक्रामक रूप से आगे बढ़ा रही है, जिसका एक केंद्रीय घटक श्रम संहिताएं है। यह आक्रामक रूप से महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संसाधनों के निजीकरण की ओर बढ़ रही है, विशेष रूप से रक्षा और संचार जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में।यह इन मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ सभी विरोधों को दबाने की भी कोशिश कर रही है।
9 जुलाई की आम हड़ताल ट्रेड यूनियन द्वारा उठाई गई मांगों को दोहराती है जो संगठित, असंगठित, किसानों ,खेत मजदूरों और व्यापक जनता की चिंताओं को भी दर्शाती है। वामपंथी पार्टियां लोगों से आम हड़ताल का समर्थन करने का आह्वावन करती हैं और हमारी सभी इकाइयों से आग्रह करती है कि वे इसकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से अभियान चलाएं और बड़ी संख्या में लामबंदी करें।