किए गए वायदों को दरकिनार करते हुए स्थानीय बेरोजगारों की उपेक्षा करते हुए संयंत्र का कार्य करने के लिए अन्य प्रान्तों से कामगारों की भर्ती किया जा रहा है।
कोरबा 14 सितम्बर (ट्रैक सिटी) कोरबा के संवेदनशील विधायक व प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने देश के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कोरबा में वेदान्ता प्रबंधन द्वारा संचालित भारत एल्यूमिनियम कम्पनी लिमिटेड द्वारा अपनाई गई नियम विरूद्ध व निरंकुश कार्यशैली से अंचल में उभर रहे जनाक्रोश से अवगत कराते हुए भारत सरकार से हस्तक्षेप की मांग किया है। प्रधानमंत्री को संबोधित पत्र में राजस्व मंत्री ने कंपनी के संबंध में लिखा है कि भारत एल्यूमिनियम कम्पनी लिमिटेड की स्थापना भारत सरकार के उपक्रम के तौर पर वर्ष 1965 में अविभाजित मध्यप्रदेश राज्य के आदिवासी क्षेत्र कोरबा में की गई थी। भारत सरकार की विनिवेशीकरण नीति के तहत इस कंपनी की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी स्टरलाइट कम्पनी को वर्ष 2001 में भारत सरकार द्वारा सौंपी गई थी जो अब वेदांता रिसोर्सेज के नाम से जानी जाती है। पत्र में आगे लिखा गया है कि कम्पनी का आधिपत्य ग्रहण करने के बाद वेदान्ता प्रबंधन ने एल्यूमिनियम उत्पादन क्षमता में वृद्धि के साथ ही विद्युत संयंत्रों की स्थापना भी किया है। बालको प्रबंधन की कुटिल चाल को उजागर करते हुए राजस्व मंत्री ने पत्र में लिखा है कि संयंत्र विस्तार के लिए आयोजित की गई जनसुनवाई के दौरान कम्पनी ने स्थानीय स्तर पर ज्यादा से ज्यादा बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का वायदा किया था लेकिन संयंत्र विस्तार कार्यक्रम संचालित करने के साथ ही कम्पनी अपने वायदे से मुकर गई और स्थानीय बेरोजगार युवाओं की घोर उपेक्षा की जाने लगी।
पत्र के माध्यम से प्रधान मंत्री को जमीनी सच्चाई से अवगत कराते हुए राजस्व मंत्री ने लिखा है कि बालको प्रबंधन के ऐसे रवैये की वजह से आम नागरिकों में भारी क्षोभ व आक्रोश व्याप्त है जिसका परिणाम एक जन आंदोलन के रूप में कभी भी विस्फोटक हो सकता है। उपर्युक्त के संबंध में प्रधान मंत्री से आग्रह किया गया है कि पूर्व में किए गए वायदे के अनुरूप स्थानीय हितों को ध्यान में रखकर ज्यादा से ज्यादा स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए भारत सरकार द्वारा कम्पनी प्रबंधन को निर्देश जारी किया जाए। प्रदूषण की समस्या से निजात की दिशा में संयंत्र से निस्तारित फ्लाई ऐश (राखड़) का उचित प्रबंधन करने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एवं पर्यावरण विभाग के दिशा निर्देंशों का समुचित पालन करते हुए ठोस उपाय करने हेतु सरकार द्वारा निेर्दश जारी किए जाने की अपेक्षा की गई है। पत्र में यह भी अपेक्षा की गई है कि आम नागरिकों की असुविधाओं को गंभीरता से लेते हुए सड़कों की दशा सुधारने व जाम की स्थिति से निजात दिलाने के लिए भारी वाहनों के पार्किंग आदि की समुचित व्यवस्था करने के लिए कम्पनी को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए जाएं। मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने पत्र में इस बात पर भी जोर दिया है कि जमीनी सच्चाई जानने के लिए भारत सरकार चाहे तो कभी भी केन्द्रीय डेलीगेशन भेजकर उपर्युक्त तथ्यों की जांच करवा सकता है। पत्र के अंत में राजस्व मंत्री ने उम्मीद जताई है कि कोरबांचल के लोगों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए प्रधान मंत्री व्यक्तिगत हस्तक्षेप करते हुए संबंधित अधिकारियों को यथावश्यक निर्देश जारी करेंगे।
- जितेन्द्र सिंह राजपूतhttps://www.trackcity.co.in/author/admin/
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