Korba

कुसमुंडा खदान में क्रेन पलटने से ऑपरेटर हुआ घायल।

कोरबा (ट्रैक सिटी)/ एसईसीएल कुसमुंडा खदान में हादसे थमने का नाम नहीं ले रहा आए दिन एक न एक हादसे होते रहते हैं विगत कुछ दिनों पहले डंफर पलट कर उसमे आग लगने से डंफर ऑपरेटर सहित उसमें सवार दो कोल लिफ्टर गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जब भी खदान में कोई हादसे होंते है  अधिकारी उसे दबाने के फिराक में रहते हैं, इसी तरह 16 जुलाई को दूसरी पाली (सेकंड शिफ्ट) में क्रेन के पलटने से ऑपरेटर देवेंद्र घायल हो गया,

ऑपरेटर देवेन्द्र ने बताया कि शाम लगभग 4:30 बजे वह क्रेन को लेकर देवशरण के साथ निकला, चढ़ाऊ चढ़ते क्रेन अचानक से बंद हो गया, जिस कारण क्रेन लुढ़कने लगा और पलट गया इंजन बंद होने के कारण ब्रेक भी काम नही किया, क्रेन सर्वे अप हो गया, जिस कारण क्रेन में लाइट, ब्रेक की समस्या है क्रेन ब्रेक डाउन था उसका उसकी टेस्टिंग की बात भी बताए, खदान के अधिकतर गाडियों के मेंटनेश सही समय में नहीं होने से आए दिन घटनाएं हो रही है। क्रेन ऑपरेटर क्रेन पलटने से गम्भीर रूप से घायल हो गया है, उसके सिर में टांके लगे हैं उसका उपचार एनकेच हॉस्पिटल में चल रहा है।

एसईसीएल प्रबंधन को तो सिर्फ अपनी कोयला उद्पादन से मतलब है चाहे किसी की जान जाए अधिकारियों को कोई फर्क नहीं पड़ता, भारी भरकम गाड़ियों के सही मेटनेंस नही होने से इस तरह से बार बार ये हादसे हो रहे हैं, जब घटना की जानकारी लेने खान प्रबंधक के.एस. सोरोता से फ़ोन पर जानकारी चाही गई तो वे फोन ही रिसीव नहीं किए, जब सेफ़्टी आफिसर बिश्वाल से फोन में क्रेन सर्वे अप की जानकारी चाही गई तो उन्होंने कहा की जांच चल रही है जांच के बाद ही जानकारी देने के बात कही और कहा कि ऑपरेटर को माइनर चोटे आई है, सेफ़्टी आफिसर को क्रेन पलटने की घटना मामूली घटना लग रही है, और कहते हैं की कुसमुंडा माइंस बड़ा माइंस है छोटी मोटी घटनाएं तो होते रहती है, इसका मतलब साफ है की सेफ्टी आफिसर किसी बड़ी घटना के इंतजार में बैठे हैं उन्हें कर्मचारियों की जान की कोई परवाह ही नही है, समय रहते तो देवेन्द्र की जान बच गई नही तो एक बड़ी घटना से नकारा नहीं जा सकता था 

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