अंबिकापुर

दरिमा में 35 ग्रामीणों को मिला राजमिस्त्री एवं रानी मिस्त्री का हुनर

व्यावहारिक प्रशिक्षण से कार्यकुशलता में आएगा निखार, गांव में मिलेगा रोजगार- कलेक्टर

अम्बिकापुर (ट्रैक सिटी)/ ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने और स्थानीय स्तर पर रोजगार निर्मित करने की दिशा में सरगुजा जिला प्रशासन ने महत्वपूर्ण पहल की है। अंबिकापुर के दरिमा ग्राम पंचायत में जिला प्रशासन एवं सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) के संयुक्त तत्वावधान में 30 दिवसीय राजमिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस प्रशिक्षण में 16 महिलाओं को रानी मिस्त्री तथा 19 पुरुषों को राजमिस्त्री का हुनर सिखाया गया। कुल 35 प्रतिभागियों ने व्यावहारिक और तकनीकी ज्ञान अर्जित किया।

आयोजित समापन समारोह में कलेक्टर विलास भोसकर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उनके साथ जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार, अग्रणी बैंक प्रबंधक विकास यादव, सेंट्रल बैंक के रिजनल हेड रणधीर सिंह, आरसेटी डायरेक्टर श्याम किशोर गुप्ता, जनपद पंचायत सीईओ राजेश सेंगर, साक्षर भारत जिला परियोजना अधिकारी गिरीश गुप्ता और प्रशिक्षण समन्वयक सुश्री तमना निशा मौजूद रहीं।

समापन समारोह में कलेक्टर भोसकर ने प्रशिक्षार्थियों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत कर उनके अनुभव और सीखी गई तकनीकों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि व्यावहारिक प्रशिक्षण से कार्यकुशलता बेहतर होती है। इससे न केवल आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि काम की गुणवत्ता और गति भी सुधरती है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आपके पंचायत में सर्वाधिक आवास स्वीकृत हुए हैं। इन्हें समय पर पूरा करना अब आपकी जिम्मेदारी है। यह प्रशिक्षण आपको केवल श्रमिक नहीं, बल्कि कुशल मिस्त्री बनाता है। इस प्रशिक्षण से गांव में ही पर्याप्त काम और सम्मानजनक आमदनी का अवसर मिलेगा।

प्रशिक्षणार्थियों ने बताया कि पहले वे सामान्य मजदूरी करते थे, लेकिन प्रशिक्षण के बाद उन्होंने नाप-जोख, ईंट की चिनाई, प्लास्टरिंग, लेवलिंग, लेआउट और भवन निर्माण की नई तकनीकें सीखीं। अब वे आत्मविश्वास के साथ स्वयं को कुशल राजमिस्त्री कह सकते हैं।

समापन कार्यक्रम के अवसर पर सभी प्रतिभागियों को राजमिस्त्री के टूल किट भी वितरित किए गए। इनमें भवन निर्माण कार्य हेतु आवश्यक औजार शामिल थे।

इस कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीण अब अपने सीखे हुए कौशल का उपयोग स्थानीय स्तर पर निर्माण कार्यों में करेंगे। इससे न केवल उन्हें रोजगार मिलेगा, बल्कि गांव की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी। जिला प्रशासन की इस पहल ग्रामीण आत्मनिर्भर और आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ेंगे।

Editor in chief | Website |  + posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button