कोरबा

50 से 100 टन क्षमता का प्लांट स्थापित करने ग्राम बरबसपुर में जमीन हुई फाइनल-5 निकायों से लेंगे गीला कचरा

कोरबा (ट्रैक सिटी) जानकारी के अनुसार नगर निगम को कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट लगाने बरबसपुर में 10 एकड़ जमीन मिल गई है। गेल इंडिया लिमिटेड के अधिकारी स्थल का निरीक्षण कर चुके हैं। 50 से 100 टन क्षमता के संयंत्र की लागत लगभग 100 करोड़ रुपए होगी। इसका निर्माण दिवाली के बाद शुरू करने की तैयारी की जा रही है।
राज्य शासन ने प्रदेश के 6 नगर निगम में कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट लगाने की योजना बनाई है। 17 जनवरी को रायपुर में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति में एमओयू भी हो चुका है। छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण, गेल इंडिया लिमिटेड और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के बीच समझौता हुआ है। तब से जमीन की तलाश की जा रही थी। संयंत्र स्थापना में नगर निगम को कोई खर्च नहीं करना होगा। गेल इंडिया लिमिटेड और भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड ही निवेश कर रहा है। निगम ने प्लांट के लिए प्रशासन से 10 एकड़ जमीन मांगी थी। संयंत्र के लिए पुराना कचरा डंपिंग यार्ड के आगे 10 एकड़ जमीन दी गई है। इसके बाद गेल इंडिया के अधिकारीयो ने निरीक्षण भी कर लिया है। निगम के 67 वार्ड से करीब 50 टन ठोस कचरा रोज निकलता है। पहले ग्राम बरबसपुर में कचरा डंपिंग यार्ड बनाया गया था।
बायोगैस को बॉटलिंग कर कंपनी ही ले जाएगी
संयंत्र में जो भी बायोगैस बनेगी, उसकी बॉटलिंग भी कंपनी ही करेगी। क्षमता के अनुसार ही बायोगैस का उत्पादन होगा। उत्पादन के लिए अगले साल का समय निर्धारित रखा गया है। कचरे को किस तरह ले जाना है, इसके लिए भी अलग से योजना बनाई जा रही है।

डंपिंग यार्ड में कचरा निपटान के बाद बना दिया उद्यान
नगर निगम के बरबसपुर में पुराना कचरे का डंपिंग यार्ड है। 6 करोड़ की लागत से कचरे का निपटान कराया गया है। इसके बाद यहां उद्यान बना दिया गया है। डंपिंग यार्ड की और जमीन है, लेकिन कंप्रेस्ड बायोगैस के लिए राजमार्ग किनारे ही जमीन आवंटित हुई है।

सूखा-गीला कचरा अलग-अलग इकट्ठा करना चुनौती
निगम क्षेत्र में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन हो रहा है। सूखे और गीले कचरे को लोग अब भी अलग-अलग नहीं रखते हैं। इससे समस्या होती है। निगम ने कचरा अलग-अलग रखने डस्टबिन भी बांटे हैं, लेकिन असर नहीं हुआ। अब नए सिरे से लोगों को फिर से प्रेरित करना होगा।

सार्वजनिक संस्थाओं से भी लेंगे ठोस अपशिष्ट
बायोगैस संयंत्र के लिए एनटीपीसी, एसईसीएल, सीएसईबी, बालको के साथ ही सार्वजनिक संस्थाओं से भी ठोस अपशिष्ट लिया जाएगा। संस्थानों में भी कचरे का निपटान बड़ी चुनौती है। संयंत्र बनने के बाद समस्या नहीं होगी। संस्थानों को कचरा निपटान करने की जिम्मेदारी खुद करनी है।

जमीन मिल चुकी, गेल बनाएगी संयंत्र : डॉ. संजय तिवारी
नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय तिवारी ने बताया कि कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट के लिए 10 एकड़ जमीन मिल चुकी है। गेल कंपनी को ट्रांसफर करने मंजूरी के लिए भेजा गया है। दिवाली के बाद काम शुरू करने की तैयारी कंपनी कर रही है। निगम जमीन दे रही है। बाकी काम कंपनी का ही है।

 

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