कोरबा (ट्रैक सिटी)/ स्कूल से घर लौट रही एक नाबालिग छात्रा को घर छोड़ने के बहाने जंगल ले जाने और उससे दुष्कर्म के दोषी युवक को कोरबा की फॉस्ट ट्रैक कोर्ट ने 25 साल की सश्रम कारावास से दंडित किया है। दोषी युवक पर सात हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है।
विशेष लोक अभियोजक सुनील कुमार मिश्रा ने बताया कि पिछले साल 28 अप्रैल को एक नाबालिग लड़की स्कूल की छुट्टी होने पर घर लौट रही थी। रास्ते में कोरबा शहर में नाबालिग लड़की को यह करते हुए कृष्णा यादव (32) ने रोक लिया कि वह छात्रा के पिता को जानता है। उनसे कृष्ण की दोस्ती है। आरोपी ने कहा कि चलो घर छोड़ देता हूं। नाबालिग लड़की ने कृष्णा पर भरोसा किया। वह बाइक के पीछे बैठ गई। छात्रा को लेकर कृष्णा आगे की ओर -बढ़ा फिर छात्रा को बताया कि बाजार से कुछ जरुरी सामान लेना है। चलो लेकर आते हैं। झांसे लेकर आरोपी बाइक पर छात्रा को लेकर बुंदेली के आगे जंगल गया। छात्रा से दुष्कर्म किया फिर बाइक पर बैठाकर कोरबा के पॉवर हाउस रोड पर स्थित नहर चौक पर छोड़ दिया। यहां से छात्रा घर लौट गई। कृष्णा फरार हो गया। छात्रा ने घर पहुंचकर परिवार को जानकारी दी। इसकी सूचना कोतवाली थाना को दी गई। पुलिस के आरोपी के खिलाफ लैंगिक अपराध से बालको का संरक्षण अधिनियम की धारा 4 व 6 के अलावा बीएनएस की धारा 137(2) और 65 (1) के तहत केस दर्ज किया।
आरोपी कृष्णा यादव को गिरफ्तार कर लिया। उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया था। तब से आरोपी कृष्णा जेल में बंद है। मामले की सुनवाई कोरबा के फॉस्ट ट्रक में चल रही थी। सबूतों और गवाहों के बयान के आधार पर अपर सत्र न्यायालय ने कृष्णा यादव को नाबालिग लड़की से दुष्कर्म का दोषी ठहराया। न्यायाधीश डॉ. ममता भोजवानी की अदालत ने दोषी को 25 साल सश्रम करावास से दंडित किया है। उसपर सात हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।

