कोरबा

कॉलेज कैंपस में आकर ही बनती है सुनहरे भविष्य की राह : डॉ प्रशांत बोपापुरकर

कमला नेहरू महाविद्यालय में डीएलएड विद्यार्थियों का स्वागत समारोह आयोजित

 

कोरबा/कमला नेहरु महाविद्यालय के शिक्षा संकाय अंतर्गत डीएलड के छात्र छात्राओं के लिए गुरुवार को वेलकम पार्टी का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे गणराज सिंह कंवर ने कहा कि बड़ी संख्या में हमारे स्कूलों में शिक्षकों की कमी अब भी है. अनेक स्कूलों में एकल स्कूल है, जहां एक ही शिक्षक पूरा स्कूल चला रहे. इस समस्या का हल खनिज न्यास से नियुक्त अतिथि शिक्षकों से करने का प्रयास किया जा रहा. कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत बोपापुरकर ने कहा कि कॉलेज कैंपस में आने के बाद ही हमारे सुनहरे भविष्य का मार्ग प्रशस्त होता है.

यह हम सब के लिए सौभाग्य की बात है कि कमला नेहरू महाविद्यालय में पिछले सात से बीएड पाठ्यक्रम का संचालन हो रहा और अब दो साल से यहां डीएलएड की पढ़ाई भी हो रही है. आने वाले समय में जिला प्रशासन से मांग की जाएगी कि कोरबा से शिक्षकीय कार्य के लिए निकलने वाली किसी भी वेकेंसी में सबसे पहले जिले के ही युवाओं को अवसर मिले. कार्यक्रम में प्रमुख रूप से कमला नेहरू महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रशांत बोपापुरकर, जिला पंचायत सदस्य एवं कृषि स्थायी समिति के सभापति  गणराज सिंह कँवर , विभागाध्यक्ष डॉ अब्दुल सत्तार समेत समस्त प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे.

छात्रों के बेहतर कल के लिए समर्पित होकर कार्य

कमला नेहरू महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रशांत बोपापुरकर ने विद्यार्थियों को मार्गदर्शन प्रदान करते हुए कहा कि अपने कॅरियर के लिए बेहतर राह के निर्माण के लिए आप जो भी इस महाविद्यालय से ले सकते हैं, लीजिए. महाविद्यालय परिवार उनकी सहायता के लिए समर्पित और तत्पर है. जिस तरह हम अपने मर्ज के उपचार के लिए चिकित्सक को हर बात बताते हैं, कल के उज्ज्वल भविष्य को संवारने के लिए एक विद्यार्थी के लिए यह जरूरी है कि वह अपने शिक्षक से बातें बांटकर अपनी हर शंका का समाधान प्राप्त करे. उन्होंने कहा कि 18 वर्ष की आयु तक हम स्कूल में होते हैं, जहां परिवार व स्कूल कैंपस में एक अनुशासन हमें सही राह में रखने महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. कॉलेज कैंपस में आने के बाद ही हमें वह राह दिखाई देती है, जो हमारा भविष्य क्या और कैसा होगा, वह तय होता है. इसलिए विद्यार्थियों को चाहिए कि वह अपने शिक्षक से वह हर बात नि:संकोच होकर पूछें, जो उनका भविष्य सुनहरा करने मददगार साबित हो सकता है.

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