कोरबा/ट्रैक सिटी न्यूज- 18 व 19 अक्टूबर 2020 की दरमियानी रात को उरगा थाना के अंतर्गत आने वाले नवलपुर में रेलवे के गेटकीपर हरेश कुमार की रक्तरंजित लाश पुलिस को मिली थी। इस मामले में कड़ी पूछताछ और विवेचना के बाद पुलिस ने हरेश के सहकर्मियों सहित 5 लोगों को आरोपी बनाया था। हत्या का कारण विभागीय शिकायत व आपसी खींचतान के तौर पर सामने आया था। विवेचना के बाद मामला न्यायालय में विचाराधीन था। जिला एवं सत्र न्यायालय में गुरुवार को हत्या के पांचों आरोपियों को आजीवन कारावास की कड़ी सजा सुनाई है।
ऐसे समझिये क्या था पूरा मामला :
18-19 अक्टूबर 2020 के दरम्यानी रात सुचना मिली थी किग्राम नवलपुर नाका रेल्वे फाटक में रात्रि ड्युटि में
तैनात गेट मेन मृतक हरेश कुमार का शव रक्त रंजीत हालत में रोड किनारे पडा है। सूचना पाकर दल बल के साथ रात्रि में घटना स्थल पहुचे जहाँ देखा की नवलपुर रेल्वे फाटक में तैनात कार्मचारी का शव रोड किनारे मृत हालत में पडा था। प्रथम दृष्टिया हत्या का प्रतीत होना पाये जाने से अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध अपराध धारा 302 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। मुखबीर द्वारा सूचना प्राप्त हुआ की घटना 18 अक्टूबर की रात को नवलपुर नाका चौक पर रहने वाले पवन कुमार श्रीवास ने अपने घर में कुछ साथियों पार्टी मनाई है, इस दौरान सभी ने शराब का सेवन भी किया था। खोजी डॉग बाघा भी सुंघते हुए आरोपी पवन श्रीवास के घर पहुंच गया था। उक्त दोनो तथ्यों के ध्यान में रखते हुए सूचना पर संदेही आरोपी पवन कुमार श्रीवास को ग्राम नवलपुर पहुचकर हत्या के सबंध में पुछताछ किया गया। जिसने पहले तो टाल मटोल कर पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया लेकिन कड़ाई से पूछताछ करने पर अपना गुनाह कबूल कर लिया। पवन ने अपने दोस्तो अजय कुमार ध्रुव, छतराम यादव, प्रेम दास शत्रुहन कुमार गोस्वामी का हत्या में संलिप्त होना भी बताया।
पवन ने पुलिस को बताया था कि साथी कर्मचारी अजय कुमार ध्रुव जो पवन के घर में बगल में रहता है। इन्हें ध्रुव ने पार्टी के दौरान कहा था की नवलपुर नाका रेल्वे फाटक में कार्यरत कर्मचारी हरेश कुमार आये दिन ड्युटी लेट आते हो कहकर वाद-विवाद करता है। पूर्व में भी ड्युटी की बात को लेकर मृतक हरेश कुमार ने रेल्वे अधिकारियों से शिकयत की थी। जिनसे मुझे निलंबित होना पड़ा था। चलो इसको निपटा देते है। चुकि अजय कुमार ध्रुव रेल्वे कर्मचारी होने के नाते हम लोगो को आये दिन मुर्गा दारू खिलाते पीलाते रहता है। हम लोग अजय ध्रुव की बात मानकर उनके साथ मै और छतराम यादव, प्रेम दास महंत, शत्रुहन कुमार गोस्वामी, सभी एक साथ रेल्वे फाटक नवलपुर नाका गये जहाँ ड्युटी में तैनात हरेश कुमार को कॉलर पकडकर कैबिन से बहार निकाले और रोड में लाकर मारपीट कर रहे थे। उसी समय अजय ध्रुव फावडा से मृतक हरेश कुमार के सिर, चेहरे में 4-5 बार लगातार वार किये जिससे हरेश कुमार की मृत्यु हो गई थी।
विवेचना में निरीक्षक लखन लाल पटेल, उनि प्रहलाद राठौर सउनि रहसलाल डहरिया प्र.आर. राम पाण्डेय, आरक्षक विकास कोसले, तस्लीम आरीफ, ए हितेश राव, प्रकाश कुमार चन्द्रा, सैनिक शांतनु राजवाडे की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
निरीक्षक लखन लाल पटेल
उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने दी कड़ी सजा
धारा 302,120बी, भादवि के तहत अजय कुमार ध्रुव पिता स्व. कृष्णा ध्रुव उम्र 30 वर्ष, छतराम यादव पिता ननकी राम उम्र 34 वर्ष, प्रेम दास महंत पिता शिव दास उम्र 28, पवन कुमार श्रीवास पिता खगेश्वर प्रसाद उम्र 30 वर्ष और शत्रुहन कुमार गोस्वामी पिता भुवन गिरी गोस्वामी उम्र 26 वर्ष को आजीवन कारावास, धारा 201 भादवि में 5 -5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500-500 रुपए का जुर्माना की सज़ा दी गयी है। जुर्माना न पटाने की स्थिति में 06-06 माह का अतिरिक्त कारावास का दंड भुगताने का आदेश दिया गया है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी ।
गवाह से मुकर गए थे प्रत्यक्षदर्शी : मामले की विवेचना तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक लखन पटेल के द्वारा की गई। दिलचस्प बात यह भी है कि मामले के ज्यादातर गवाह न्यायालय में सुनवाई के दौरान अपने बयान से मुकर गए थे। लेकिन निरीक्षक लखन पटेल द्वारा की गई उत्कृष्ट विवेचना व एकत्रित किए गए परिस्थितिजन्य साक्ष्य के साथ ही अकाट्य भौतिक साक्ष्यों पर भरोसा करते न्यायालय द्वारा आरोपीगण को दंडित किया गया है।