कोरबा/बच्चे का जन्म परिवार में ढेरों खुशियां लेकर आता है। लेकिन कभी-कभी नवजात का आगमन मां-बाप को खुशी का मौका देने के साथ ही उनके माथे पर चिंता की लकीर भी खींच देता है। कटे होंठ और कटे तालू की जन्मजात विकृति के साथ पैदा हुए बच्चों के परिजनों को भविष्य की चिंता सताने लगती है। प्रदेश में चिरायु योजना के माध्यम से ऐसे बच्चों की होने वाली निःशुल्क सर्जरी ने कई परिवारों की चिंता दूर कर दी है। इस योजना ने अनेक परिवारों की परेशानी दूर करने के साथ ही पीड़ित बच्चों का आत्मविश्वास भी लौटाया है। चिरायु योजना अंतर्गत जिले में विशेष पिछडी जनजाति के दो बच्चों को कटे होंठ और कटे तालू की जन्मजात विकृति से आजादी मिल गई है। ग्राम कुटेसर नगोई के बालक रवि महतो और ग्राम पंचायत बिंझरा के आश्रित गांव त्रिकुटी के बालक मनहरण का स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से अनुबंधित निजी अस्पताल में कटे होंठ और कटे तालू का पांच मार्च 2022 को सफल ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद बच्चों के चेहरे को देखकर उनके माता-पिता का खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वे कहते हैं कि मानो बेटे को एक तरह से नया चेहरा ही मिल गया है। दोनो बच्चों की सफल सर्जरी और मुस्कुराते चेहरे ने उनके माता-पिता का जगाया आत्मविश्वास जगा दिया हैं।
सीएचएमओ डॉ बी.बी. बोडे के निर्देश पर पोंडी उपरोड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ डॉ दीपक सिंह और डॉ सुमित कौशिक द्वारा बच्चो को रायपुर के अनुबंधित निजी हास्पिटल ले जाकर सर्जरी करवाया गया। बच्चों के परिजनों को लगातार परामर्श देकर आपरेशन को लेकर मन मे बैठे डर को दुर किया गया। डॉ दीपक सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत कुटेसर नगोई के महतोपारा के कौशल के पुत्र बालक रवि महतो का जन्म से ही तालू और होंठ कटे हुए थे। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सहयोग से उनके पुत्र के तालू और होंठ का सफल ऑपरेशन किया गया। इसी तरह ग्राम पंचायत बिंझरा के त्रिकुटी के राजकुमार के पुत्र मनहरण को जन्मजात से कटे होंठ और तालू की परेशानी थी। राजकुमार को हर समय बेटे के भविष्य की चिंता सताती थी। स्वास्थ्य विभाग के डॉ सुमित कौशिक व चिरायु दल द्वारा बच्चे का चिन्हांकन कर सफल ऑपरेशन कराया गया। बेटे की सफल सर्जरी, मुस्कुराते चेहरे और आत्मविश्वास ने माता-पिता के भी सपनों को अब नए पंख दे दिए हैं।
पूर्ण रूप से स्वस्थ बच्चे की मुस्कान उसका आत्मविश्वास होती है। बच्चे की मासूम हंसी परिवार में खुशियां बिखेरती है। कई बच्चों के होंठ व तालू जन्मजात कटे होते हैं। जन्मजात कटे होंठ व तालू की समस्या पांच हजार बच्चों में से किसी-किसी को होती है। यह होंठ के दोनों तरफ या एक ही तरफ भी हो सकता है। सामान्यतः तालू के साथ होंठ भी कटा होता है, पर कभी-कभी अकेले तालू के कटे होने की सम्भावना भी रहती है। स्वास्थ्य विभाग के चिरायु दल द्वारा जन्मजात कटे होंठ और तालू वाले बच्चों की निरूशुल्क सर्जरी के लिए पंजीयन किया जाता है। मितानिन व एएनएम के माध्यम से भी इन बच्चों का चिन्हांकन कर चिरायु योजना के अंतर्गत पंजीयन किया जाता है। चिरायु दल द्वारा इन बच्चों की उच्च स्तरीय जांच कर अनुबंधित अस्पतालों में ऑपरेशन करवाया जाता है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जन्मजात कटे होंठ व तालू वाले बच्चों का निःशुल्क ऑपरेशन स्माइल ट्रेन संस्था के सहयोग से किया जा रहा है।