कोरबा

जनहित के विभिन्न मुद्दों पर महापौर ने केन्द्रीय मंत्री को सौपा ज्ञापन

सभापति, एम.आई.सी.सदस्य, पार्षद व एल्डरमेन आदि की उपस्थिति में जनहित से जुड़ी विभिन्न मांगों पर कार्यवाही का किया अनुरोध

कोरबा – महापौर राजकिशोर प्रसाद ने भारत सरकार के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह से भेंट कर उन्हें जनहित से जुडे़ विभिन्न विषयों एवं मुद्दों पर ज्ञापन सौपा तथा व्यापक जनहित को देखते हुए इन सभी मांगों पर आवश्यक कार्यवाही किए जाने का अनुरोध किया। केन्द्रीय मंत्री श्री सिंह ने आश्वस्त किया कि समस्त आवेदनों को अपनी अनुशंसा के साथ संबंधित मंत्रालयों को भेजूगा। इस मौके पर सभापति श्यामसुंदर सोनी, एम.आई.सी.सदस्य कृपाराम साहू, पालूराम साहू, सुनील पटेल, प्रदीप जायसवाल, रोपा तिर्की, मस्तुल सिंह कंवर, पार्षद रवि चंदेल, अरूण वर्मा, एल्डरमेन मनीराम साहू, आशीष अग्रवाल, भुनेश्वर दुबे आदि उपस्थित थे।
महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद एवं सभापति श्यामसुंदर सोनी ने 10 सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल के साथ जनहित से जुडे़ तीन सूत्रीय मांगों का ज्ञापन केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को सौपा। महापौर श्री प्रसाद ने अपने पत्र में विभिन्न पेंशन योजनाओं व बी.पी.एल. राशन कार्ड बनाए जाने हेतु गरीबी रेखा सर्वे सूची में हितग्राही का नाम होने की बाध्यता समाप्त किए जाने के संबंध में अनुरोध करते हुए कहा कि गरीब परिवारों के दिव्यांग, विधवा परित्यक्ता व बुजुर्ग हितग्राहियों को भारत सरकार की विभिन्न पेंशन योजनाओं के तहत पेंशन की स्वीकृति एवं बी.पी.एल. राशन कार्ड निर्माण हेतु गरीबी रेखा सर्वे सूची में हितग्राही का नाम होना वर्तमान में अनिवार्य कर दिया गया है, जबकि वर्ष 2014 से पूर्व यह बाध्यता नही थी तथा विभिन्न प्रकार की पेंशन व बी.पी.एल. राशन कार्ड आदि सुगमता के साथ हितग्राहियों को प्राप्त हो जाते थे किन्तु अब उक्त बाध्यता के कारण वे इन पेंशन योजनाओं के लाभ से व बी.पी.एल. राशन कार्ड से वंचित हो रहे हैं, अतः विभिन्न पेंशन योजनाओं के तहत पेंशन की स्वीकृति व बी.पी.एल. राशन कार्ड बनाने हेतु गरीबी रेखा सर्वे सूची में हितग्राही का नाम होने की बाध्यता समाप्त की जाए।

पी.एम.ए.वाई. की शेष राशि जारी की जाए –

महापौर श्री प्रसाद ने प्रधानमंत्री आवास योजना के ए.एच.पी.घटक अंतर्गत निगम द्वारा निर्मित कराए जा रहे आवासगृहों के संबंध में स्वीकृत राशि में से शेष राशि 51 करोड़ 75 लाख रूपये जारी करने का अनुरोध भी केन्द्रीय मंत्री से किया है। महापौर श्री प्रसाद ने पत्र में कहा है कि निगम को प्रधानमंत्री आवास योजना के ए.एच.पी.घटक अंतर्गत कुल 3265 आवासगृहों के निर्माण एवं 153 करोड़ 44 लाख रूपये की स्वीकृति प्राप्त हुई थी, निगम को वर्तमान तक केवल 101 करोड़ 69 लाख रूपये की राशि प्राप्त हुई, परिणाम स्वरूप निर्माण एजेंसियों भुगतान भी वर्तमान में लंबित है व आवासगृहों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पा रहा है, अतः उक्त शेष राशि जारी की जाए ताकि आवासगृहों का निर्माण पूर्ण कर हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराए जा सके।

बंद कोयला खदान में फ्लाईएश का भराव जमीन की सतह तक ही हों –

महापौर राजकिशोर प्रसाद ने केन्द्रीय मंत्री को लिखे एक अन्य पत्र में कोरबा स्थित एस.ई.सी.एल. की मानिकपुर ओपन कास्ट माईंन्स की बंद कोयला खदान में विद्युत संयंत्रों से निकले फ्लाईएश का भराव जमीन की सतह तक ही किए जाने का आग्रह किया है। महापौर श्री प्रसाद ने अपने पत्र में लिखा है कि निगम क्षेत्रांतर्गत कोल इंडिया लिमिटेड की एस.ई.सी.एल. के कोरबा एरिया की मानिकपुर ओपन कास्ट माईन्स संचालित हैं, बरसों तक उत्पादन में रहने के बाद विगत कुछ वर्ष से बंद पड़ी इस खदान को विद्युत संयंत्रों से उत्सर्जित फ्लाईएश और ओव्हरबर्डन मिट्टी मिलाकर भरने का कार्य किया जा रहा है, इससे एक तरफ लाखों टन फ्लाईएश का निपटान भी हो सकेगा, वहीं दूसरी ओर कोरबा चांपा मुख्य मार्ग के एक दम किनारे एक बहुत बड़ा भू-भाग समतल मैदान के रूप में मिल सकेगा, जिसका अन्य कार्यो में उपयोग किया जा सकेगा, यह स्वागतेय है किन्तु ज्ञात हुआ है कि कोरबा मानिकपुर क्षेत्रांतर्गत आने वाली इस खदान को फ्लाईएश व ओव्हरबर्डन की मिट्टी मिलाकर भरने का काम आसपास के जमीन के लेबल तक आ चुका है और खदान की भराई पूरी हो जाने के बाद विद्युत संयंत्रों से निकलने वाले फ्लाईएश एवं ओव्हरबर्डन मिट्टी को मिलाकर 30 मीटर उंचाई तक डम्प किया जाएगा, यदि ऐसा किया जाता है तो हल्की सी भी हवा चलने पर राख और धूल के गुब्बार से पूरा कोरबा शहर तरबतर हो जाएगा, वायु प्रदूषण का प्रकोप होगा तथा इससे आमनागरिकों के स्वास्थ्य पर खतरनाक प्रभाव पडे़गा। महापौर श्री प्रसाद ने केन्द्रीय मंत्री से अनुरोध किया है कि उक्त खदान में ओव्हरबर्डन और फ्लाईएश को मिलाकर खदान भरने का कार्य आसपास की सतह की उंचाई के समकक्ष ही रखा जाए, इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को तत्काल उचित निर्देश देने का कष्ट करेंगे।

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