पाली तानाखार विधायक मोहितराम केरकेट्टा कार्यक्रम में हुए शामिल
कोरबा / अक्षय तृतीया (अक्ति) को पूरे छत्तीसगढ़ सहित कोरबा जिले में भी माटी पूजन दिवस के रूप में मनाया गया। जिले के ग्राम पंचायतों में कार्यक्रम का आयोजन कर परंपरागत रूप से माटी पूजन किया गया। जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन पोड़ी-उपरोड़ा विकासखंड के सुतर्रा गोठान में किया गया। कार्यक्रम में पाली तानाखार क्षेत्र के विधायक श्री मोहित राम केरकेट्टा ने जनप्रतिनिधियों के साथ विधिवत माटी पूजन किया तथा आगामी खरीफ सीजन में फसल के अच्छे उत्पादन के लिए प्रार्थना की। इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में जैविक खाद, वर्मी कंपोस्ट और गोमूत्र के उपयोग हेतु जन जागरूकता के लिए मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन किया गया और अपने मिट्टी की सुरक्षा के लिए शपथ दिलाई गई। साथ ही मिट्टी की उर्वरा शक्ति के पुनर्जीवन हेतु रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों के स्थान पर वर्मी कंपोस्ट खाद के उपयोग के साथ गोमूत्र एवं अन्य जैविक पदार्थों के उपयोग को वृहद स्तर पर बढ़ावा दिया गया।
विधायक श्री केरकेट्टा ने नागरिकों को माटी पूजन महाभियान में रासायनिक खादों और कीटनाशकों की जगह जैविक खाद, वर्मी कंपोस्ट और गौ-मूत्र के उपयोग को ज्यादा से ज्याद बढ़ावा देने, रासायनिक खेती से प्रकृति और मानव जीवन को होने वाले नुकसान को लेकर लोगों को जागरूक करने तथा अपने अन्न को रसायनों के विष से मुक्त करते हुए लोगों को जैविक अन्न के उपयोग के लिए प्रेरित करने की शपथ दिलाई। इस दौरान दौरान गौ सेवा आयोग के सदस्य प्रशांत मिश्रा, जनपद पंचायत पोंडी उपरोड़ा अध्यक्ष श्रीमती संतोषी पेंद्रो, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नूतन कुमार कंवर, एसडीएम पोड़ी उपरोड़ा नंद जी पांडे, उप संचालक कृषि अनिल शुक्ला सहित जनप्रतिनिधि गण और नागरिक गण मौजूद रहे।
माटी पूजन दिवस के जिला स्तरीय कार्यक्रम में विधायक श्री केरकेट्टा ने जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की दीदियों द्वारा जैविक दवाई का स्टाल, जैविक उत्पाद,कृषि विभाग तथा उद्यानिकी विभाग द्वारा खाद बीज वितरण,कृषि महाविद्यालय द्वारा मॉडल प्रदर्शन का अवलोकन किया। इस दौरान जैविक खेती की दिशा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले एनआरएलएम के कृषि एवं पशु सखी को सम्मानित किया गया।
इस महाअभियान का के दौरान प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों एवं जनमानस की भागीदारी को बढ़ावा दिया गया। इसके अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों में रसायनिक खाद एवं कीटनाशकों के स्थान पर वर्मी कंपोस्ट, गोमूत्र एवं जैविक खादों के उपयोग को प्रोत्साहित किया गया। साथ ही रासायनिक खेती से होने वाले नुकसान के प्रति लोगो को सजग कर मानव एवं पशु आहार को हानिकारक रसायनों से मुक्त करने लोगों को जागरूक किया गया।