कोरबा

जिले में अब जैविक खाद (वर्मीकम्पोस्ट) की जांच की सुविधा उपलब्ध

जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिवकला कंवर ने प्रयोगशाला का किया शुभारंभ

 

कोरबा/ट्रैक सिटी न्यूज। राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिले में अब जैविक खाद वर्मीकंपोस्ट जांच की सुविधा उपलब्ध हो गई है। कलेक्टर संजीव झा के मार्गदर्शन में जिले के गोठानों में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट की गुणवत्ता बनाये रखने के लिये वर्मी कम्पोस्ट परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित किया गया है। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिवकला कंवर ने उप संचालक कृषि कार्यालय में स्थापित प्रयोगशाला का शुभारंभ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर किया। गोठानों में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट का त्वरित परिणाम प्राप्त हो सके इसके लिये जिले में ही इसकी स्थापना की गई है। जिले में वर्मीकम्पोस्ट परीक्षण हेतु प्रयोगशाला प्रारंभ होने से जिले में उत्पादित जैविक खाद नमूनों का शीघ्र विश्लेषण के साथ ही उच्च गुणवत्ता युक्त वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया जाएगा। इस अवसर पर कृषि स्थायी समिति के अध्यक्ष गणराज सिंह कंवर, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती गोदावरी प्रमोद राठौर, प्रेमचंद पटेल, एडीएम विजेंद्र पाटले, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत नूतन कंवर, उप संचालक कृषि अनिल शुक्ला , सहायक संचालक कृषि  देवेन्द्र कंवर सहित अनुविभागीय कृषि अधिकारी, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एवं प्रयोगशाला के अधिकारी कर्मचारी मौजदू रहे।
उप संचालक कृषि शुक्ला ने बताया की उच्च गुणवत्ता के वर्मीकम्पोस्ट उत्पादन के लिये लगातार स्वसहायता समूहों को गोठानों में प्रशिक्षण का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया की खाद परीक्षण के लिए सैंपल पहले रायपुर और बिलासपुर के प्रयोगशालाओं में भेजना पड़ता था। अब जिले में ही परीक्षण की सुविधा मिल गई है। जिले में प्रारंभ किये गये नवीन वर्मीकम्पोस्ट प्रयोगशाला में परीक्षण हेतु 20 नमूने प्राप्त हो चुके जिनके विश्लेषण का कार्य तत्काल प्रारंभ किया जायेगा। राज्य सरकार के द्वारा किसानों के हित में गोधन न्याय योजना के द्वारा किसानों के सशक्तिकरण के लिए बेहतर नीति गत प्रयास किया जा रहा है। जिसके लिए जिले में कुल 279 सक्रिय गोठान कार्य कर रहे है जिसमें जिले के कुल 328 महिला स्व सहायता समूह द्वारा वर्मीखाद उत्पादन हेतु कार्य किया जा रहा है। जिले के गोठानों में योजना के प्रारंभ से अब तक 3 लाख 10 हजार किंवटल से अधिक गोबर खरीदी किया जा चुका है। जिसमें से महिला स्व सहायता समूह के द्वारा 83 हजार 296 क्विंटल से अधिक वर्मीखाद का उत्पादन किया गया है। जिसमें से 72 हजार 168 क्विंटल से अधिक वर्मीखाद का विक्रय किया जा चुका है।

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