कोरबा

त्रिलोक महावर का कविता संग्रह “नदी के लिए सोचो”

वरिष्ठ साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल द्वारा लोकार्पण

रायपुर/गतदिनों सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं कवि त्रिलोक महावर के कविता संग्रह “नदी के लिए सोचो” का लोकार्पण वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि विनोद कुमार शुक्ल द्वारा उनके जन्म दिवस के अवसर पर रायपुर में वृंदावन भवन में संपन्न हुआ।

सृजन बिंब नागपुर द्वारा प्रकाशित महावर का यह कविता संग्रह विशेष रुप से नदियों की वर्तमान दुर्दशा और पर्यावरण पर मंडराते खतरों को प्रभावशाली तरीके से उजागर करता है। इस संग्रह में न केवल प्रकृति और पर्यावरण के प्रति गंभीर चिंता व्यक्त की गई है, अपितु जन सहयोग के लिए आह्वान भी किया गया है। वर्तमान परिस्थितियों में प्रकृति, पर्यावरण, नदी तथा जल स्रोतों के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण रचना है। इस संग्रह में बस्तर की इंद्रावती से लेकर गंगा यमुना और दुनिया भर की नदियों के बारे में कवि का गहरा चिंतन स्पष्ट रूप से झलकता है। स्वयं त्रिलोक महावर भी अनुपम मिश्र के समय से जल एवं पर्यावरण संरक्षण संबंधी गतिविधियों से सक्रिय रुप से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बेतवा उत्थान में सक्रिय भूमिका भी अदा की और बस्तर की इंद्रावती के संरक्षण में जुटे श्रमदानियों के साथ अपनी आवाज भी साझा की । उल्लेखनीय है कि श्री महावर के अब तक विस्मित ना होना, इतना ही नमक , हिज्जे सुधारता है चांद, शब्दों से परे 5 कविता संग्रह आ चुके हैं ।अभी हाल में ही वरिष्ठ साहित्यकार शशांक द्वारा संपादित उनकी कविताओं पर केंद्रित विमर्शकी किताब “कविता का नया रूपा कार” प्रकाशित हुई है, जिसमें रामकुमार तिवारी सहित देश भर के 30 जाने-माने समीक्षक एवं साहित्यकारों ने महावर की कविताओं पर अपने विचार प्रकट किए हैं, जो काफी चर्चित रही । महावर बहुमुखी प्रतिभा के धनी है ।कहानी ,लघु कथा ,बाल साहित्य, जनजातीय विषयों और लोक बोलियां पर उन्होंने काम किया है। लगभग चार दशको तक आकाशवाणी एवं दूरदर्शन में भी उन्होंने विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए। देशभर के प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में उनकी रचनाएं प्रकाशित हुई है।

साहित्य सर्जन के अलावा ज्योतिष गायन क्रिकेट और बैडमिंटन में उनकी गहरी रुचि है उन्होंने ड्यूक यूनिवर्सिटी अमेरिका एवं एवं सांस पो यूनिवर्सिटी फ्रांस में प्रशासनिक प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है। वे रोटरेक्ट क्लब के संस्थापक अध्यक्ष तरुण साहित्य समिति के सचिव तथा नव आयाम साहित्यिक सांस्कृतिक मंच के सचिव और बस्तर प्रकृति बचाओ समिति बेस्कॉन के संस्थापक सदस्य व कोषाध्यक्ष भी रह चुके हैं।उन्हें बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स तथा थान खमरिया हिंदी साहित्य समिति द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। पं मदन मोहन मालवीय स्मृति पुरस्कार,नई दिल्ली , अंबिका प्रसाद दिव्य पुरस्कार, विदिशा मध्य प्रदेश में साहित्य की बात संस्था द्वारा घनश्याम मुरारी पुष्प साहित्य के शीर्ष सम्मान एवं पंजाब कला साहित्य अकादमी आदि राष्ट्रीय पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है श्री महावर भारतीय प्रशासनिक सेवा में धमतरी जांजगीर चांपा एवं मुंगेली में कलेक्टर तथा सरगुजा बिलासपुर एवं दुर्ग संभागों में कमिश्नर मंत्रालय एवं लोक आयोग में सचिव सरगुजा विश्वविद्यालय में कुलपति भी रह चुके हैं वर्तमान में प्रशासन अकादमी रायपुर में संचालक के पद पर पदस्थ हैं।

इस समारोह में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं साहित्यकार कल्याण कुमार चक्रवर्ती सुशील त्रिवेदी सतीश जायसवाल संजीव बक्शी रमेश अनुपम गिरीश पंकज एवं जाने-माने साहित्यकार उपस्थित रहे छत्तीसगढ़ फिल्म एंड विजुअल आर्ट सोसाइटी के प्रमुख सुभाष मिश्रा ने कार्यक्रम का संचालन किया

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