कोरबा। पूरे भारत में आज के दिन नाग पंचमी मनाया जाता हैं, सभी मंदिरों में नाग देवता की पूजा अर्चना की जाती हैं, साथ ही उसको दुध चढ़ाया जाता हैं और दुध पिलाया भी जाता हैं, हिंदू धर्म के मान्यता के अनुसार नाग पंचमी के दिन नाग देवता की विशेष महत्व हैं, जिसकी पूजा अर्चना करने से पुण्य की प्राप्ति होती हैं, इसी कड़ी में कोरबा जिले के स्नेक रेस्क्यू टीम एवम वन विभाग ने नाग पंचमी के अवसर पर शहर से काफ़ी दूर पसरखेत के मदनपुर गांव पहुंच कर हाई स्कूल के बच्चों को सापो के विषय में सभी जानकारी दिया, साथ ही बच्चों को बताया गया की कौन सा साप जहरीला हैं और कौन सा नही,सांपो को हमारे पर्यावरण तंत्र के लिए कितना महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इन सब बातों को बच्चों को बताया गया, जिसमे कुछ जहरीले सांप और बिना जहरीले सांप की पहचान भी कराई गई, जिसको देखने के लिए बच्चें बहुत उत्सुकता दिखाई दी, जिसके उपरान्त जिले के अलग अलग ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से किए गए 67 सांपो को बताती के जंगल में पूजा पाठ करने के उपरान्त छोड़ा गया,
जिसमें कोबरा(नाग), अजगर,अहिराज, घोड़ा करैत, बेलिया करैत, दण्ड करैत, धमना, डोडिया,चिंगराज, भेड़िया साप जैसे साप थे, इस कार्यक्रम में मुख्य रूप मदनपुर हाई स्कूल प्राचार्य आर राठिया, कोरबा एसडीओ आई खजूर, पसरखेत रेंज आर ओ तोषी वर्मा, सीएसएफओ अजय कुमार सिदार,बीट फॉरेस्ट ऑफिसर कमलेश कुमार कुम्हार, अनिल शुक्ला, सिदार स्नेक रेस्क्यू टीम प्रमुख जितेन्द्र सारथी, सदस्य देवा आशीष रॉय, राजू बर्मन, कुलदीप, सुनील, मनीष, मोंटू, शाहिद, सौरव,सूरज, सुभाम, नागेश, पवन, राकेश, आयुष, विक्की,कमलेश, नरेश, योगेश,वर्षा, रमा के साथ काफ़ी दर्शक मौजूद रहे।
जितेन्द्र सारथी ने बताया नाग पंचमी के अवसर पर रेस्क्यू किए हुए सांपो को उनके पर्यावरण में सुरक्षित छोड़ा गया साथ ही बच्चों को सांपो से जुड़ी जानकारी दी गई, जिसमें बच्चों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया, साथ ही बताया साप हमारे पर्यावरण तंत्र के लिए बहुत महत्त्व पूर्ण हैं इनको बचाना बहुत जरूरी हैं, हमारी टीम जिले में लगातार सांपो को रेस्क्यू कर साप के साथ आम लोगों की जान बचाने में लगी हुई हैं।
कोरबा एसडीओ आई खजूर ने बताया वन विभाग के साथ जिले के रेस्क्यू टीम के अच्छी पहल करते हुए आज बच्चों को सांपो से जुड़ी अच्छी जानकारी दी गई, उसके बाद सभी सांपो को जंगल में छोड़ दिया गया।
साप वास्तव में दुध नहीं पीते हैं,