कोरबा

निगम ने पुनः 05 दुकानों पर लगाया ताला

दुकान किराया बकायादारों पर निगम की कार्यवाही जारी

दुकान किराया बकाये पर अब तक 68 दुकानों में लगाया गया ताला, 68 लाख रूपये की बकाया किराया राशि की वसूली

कोरबा – दुकान किराये की बकाया राशि संबंधित दुकानदारों द्वारा निगम कोष में जमा न करने के परिणाम स्वरूप आज नगर पालिक निगम केारबा द्वारा पुनः 05 दुकानों पर ताला लगाया गया, वहीं अब तक 68 दुकानों पर ताला निगम द्वारा लगाया जा चुका है। इसी प्रकार दुकान किराये की बकाया राशि के रूप में 68 लाख रूपये से अधिक की वसूली भी दुकानों में पहुंचकर निगम के राजस्व अमले के द्वारा की जा चुकी है। जिन दुकानों पर ताला लगाया गया है, उनसे संबंधित दुकानदारों को राजस्व अमले ने कड़ी हिदायत भी दी कि वे बकाया राशि जमा कराएं तभी उनके दुकानों का ताला खोला जाएगा।
यहाँ उल्लेखनीय है कि नगर पालिक निगम कोरबा द्वारा निगम क्षेत्र के विभिन्न स्थानों में निर्मित दुकानों, भवनों आदि को लीज किराये पर आबंटित किया गया है। इन दुकान संचालकों द्वारा बरसों से किराये की राशि निगम कोष में जमा नहीं कराई जा रही थी, निगम द्वारा बार-बार नोटिस दिए जाने के बावजूद उनके द्वारा बकाया राशि की अदायगी नहीं की गई तथा एक बड़ी राशि दुकान किराये के रूप में निगम को प्राप्त करनी  शेष थी। आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय के निर्देश पर निगम के राजस्व अमले द्वारा दुकान किराये के बकायादारों पर लगातार कार्यवाही की जा रही है, इन बकायादारों पर कार्यवाही करते हुए आज पुनः 05 दुकानों पर ताला लगाया गया, जिनमें सीतामणी काम्पलेक्स स्थित  दुकान क्र. 14, 15 तथा गीतांजलि भवन काम्पलेक्स स्थित दुकान क्र. 03, 05, 08 आदि दुकानों में ताला बंदी की गई, वहीं अब तक निगम द्वारा 68 दुकानों में ताला लगाया जा चुका है, इसके साथ ही दुकान किराये की बकाया राशि के रूप में 68 लाख रूपये से अधिक की वसूली भी की गई है।

बकाया राशि जमा करें, असुविधा से बचें – आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय ने निगम के करदाताओं एवं दुकान भवन किराया के बकायादारों से कहा है कि वे बकाया कर एवं निगम को देय भवन, दुकान किराया की राशि समय पर निगम कोष जमा कराएं। उन्होने आगे कहा है कि करों से प्राप्त राशि के माध्यम से ही  निगम द्वारा विभिन्न मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाती है तथा नगर विकास के कार्य किए जाते हैं, निगम को समय पर करों का भुगतान न मिलने से नागरिक सुविधाएं व नगर विकास के कार्य प्रभावित होते हैं, अतः समय पर करों एवं देयकों का भुगतान निगम कोष में करें तथा नगर विकास में अपना सहयोग दें। उन्होने कहा है कि निगम द्वारा राजस्व वसूली के संबंध में आगे भी निरंतर कार्यवाही की जाएगी, अतः कार्यवाही से होने वाली असुविधा से बचने हेतु बकाया कर एवं देयकों का भुगतान समय पर करें।

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