कोरबा

रणछोड़ दास, पलटू राम, भूमिगत बाबा जैसे शिक्षक नेताओं के भ्रम जाल से रहें सावधान–

22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल को प्रभावित करने सरकार से मिलाया हाथ

कोरबा / छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की प्रांतीय आह्वान पर डी ए एवं एचआरए की मांग को लेकर शासकीय कर्मचारी व अधिकारियों की हड़ताल 22अगस्त सोमवार से शुरू हो रही है इस हड़ताल को प्रभावित करने सरकार द्वारा अपने प्रायोजित प्रतिनिधि के रूप में रणछोड़ दास,पलटू राम,भूमिगत बाबा जैसे शिक्षक नेताओं को प्रदेश में कार्यरत शिक्षकों कर्मचारियों को अपने भ्रम जाल से प्रभावित कर अनिश्चितकालीन हड़ताल को कमजोर करने षड्यंत्र रचा गया है। सरकार के साथ हाथ मिलाने का व्यक्तिगत स्वार्थ क्या है यह तो रणछोड़ दास पलटू राम जैसे नेता ही बता पाएंगे कहीं ऐसा तो नहीं कि ये भूमिगत बाबा जैसे शिक्षक नेता आने वाले डेढ़ साल पश्चात विधानसभा चुनाव में जनता का नेता बनना चाहते हों। छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रांत अध्यक्ष ओम प्रकाश बघेल ने प्रदेश में कार्यरत लगभग सवा दो लाख शिक्षक संवर्ग के कर्मचारियों को सावधान करने अपील किया है कि ऐसे सरकार के साथ हाथ मिलाने वाले रणछोड़ दास पलटू राम भूमिगत बाबा जैसे नेताओं से सावधान रहें।

ओम प्रकाश बघेल ने बताया कि 22 अगस्त से होने वाली अनिश्चितकालीन आंदोलन में प्रदेश के कर्मचारी एवं अधिकारियों में हड़ताल को लेकर उत्साह दोगुनी हो गई है जिससे प्रदेश के समस्त दफ़्तर,कार्यालय एवं शासकीय संस्थाएं 22 अगस्त से एक बार फिर विभागीय कार्य बुरी तरह से प्रभावित होकर वीरान हो जाएंगे, इसके जिम्मेदार छत्तीसगढ़ में कार्यरत कर्मचारी अधिकारी नहीं बल्कि सरकार है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की प्रांतीय पदाधिकारियों के द्वारा पिछले वर्ष से ही प्रदेश सरकार के समक्ष डी ए एवं एचआरए को नियत समय में लागू नहीं करने के कारण जो वित्तीय क्षति अधिकारी,कर्मचारियों को हो रही है इसे अनेक माध्यमों से अवगत कराया जाता रहा है पर सरकार द्वारा इसे हमेशा अनसुनी एवं नजरअंदाज किया गया सरकार की इस उदासीनता से प्रदेश के कर्मचारी अधिकारियों के सब्र का बांध टूट गया है अब लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्वक अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन कर अपने अधिकार को प्राप्त करने प्रयास किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ की राजकीय कोष सुदृढ नहीं तो नेताओं के वेतन भत्ते मैं बेतहाशा वृद्धि क्यों? छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन कोरबा के प्रवक्ता ओम प्रकाश बघेल ने प्रदेश की वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए सरकार से पूछा की 14 जुलाई 2022 की कैबिनेट बैठक में विधानसभा के सदस्यों मंत्रियों का मासिक वेतन एवं भत्तों में बेतहाशा वृद्धि क्यों की गई जबकि सरकार के सलाहकारों एवं प्रतिनिधियों के द्वारा बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ नहीं है, क्या यह आर्थिक तंगी केवल उन कर्मचारी अधिकारियों के लिए ही है जो कि शासन के महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण कड़ी एवं सहभागी होते हैं।

डी ए एवं एच आर ए कर्मचारी अधिकारियों के वाजिब हक एवं मौलिक अधिकार है- सरकार अभिलंब पूरी करे-कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश बघेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कार्यरत कर्मचारी अधिकारियों का डी ए एवं एचआरए वाजिब हक एवं मौलिक अधिकार है इसका हनन प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के विपरीत एवं गुनाह है जो सरकार कर रही है, सरकार इसे गंभीरता से विचार कर कर्मचारी अधिकारियों की हक को अविलंब पूरी करे। मांगे पूरी नहीं करने की स्थिति में शासकीय कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से न केवल कार्यालय सुने हो जाएंगे बल्कि विभागीय कार्य भी बुरी तरह से प्रभावित होंगे, अपने कार्य से शासकीय कार्यालय आने वाले आम लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा इसके अलावा खासकर शासन की फ्लेगसिप योजनाएं और अन्य मैदानी कार्य भी ठप्प पड़ जाएंगे विभिन्न केंद्रीय व राज्य स्तरीय योजनाओं या दिशानिर्देशों को अंतिम वर्ग तक पहुंचाने में परेशानी होगी और सबसे अधिक शासकीय स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की शिक्षा ठप हो जाएगा शासकीय शिक्षकों के हड़ताल पर चले जाने से स्कूलों की व्यवस्था चरमरा जाएगी जिसकी संपूर्ण जवाबदारी सरकार की होगी।

प्रदेश में कार्यरत कर्मचारी अधिकारियों को हड़ताल में शामिल होने की गई अपील-डी ए एवं एच आर ए की मांग को लेकर 22 अगस्त से प्रारंभ होने वाली अनिश्चितकालीन हड़ताल में शामिल होने प्रदेश मे कार्यरत पौने 500000 कर्मचारी अधिकारियों को शामिल होने की अपील की गई है और यह भी कहा गया है कि सरकार के प्रायोजित प्रतिनिधियों के द्वारा हमारी आंदोलन को तोड़ने के लिए विभिन्न कुचक्र षड्यंत्र किए जा रहे हैं इससे हमें सावधान रहने की आवश्यकता है हमारी एकता एवं अखंडता बने रहे इसके लिए सभी कर्मचारी अधिकारियों को मनोयोग से एक दूसरे पर यकीन करना होगा और अंतिम परिणाम तक आंदोलन पर डटे रहना होगा।

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