कोरबा

रोजगार की मांग पर भू विस्थापित किसानों का धरना 77 वें दिन भी जारी

छेर छेरा में एसईसीएल जीएम से जमीन के बदले रोजगार मांगेंगे भू विस्थापित

 

कुसमुंडा क्षेत्र के भू विस्थापित किसान कल छत्तीसगढ़ के महापर्व छेरा छेरा के दिन अपने पूर्वजों के जमीन के बदले अपने जीविका के लिए रोजगार की मांग करेंगे।

रोजगार की मांग को लेकर एसईसीएल के कुसमुंडा मुख्यालय के सामने 1 नवंबर से अनिश्चितकालीन धरने पर भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के बेनर तले भारी ठंड में भी 77 दिनों से जमीन के बदले रोजगार की मांग को लेकर धरने पर बैठे है। 77 दिनों से चल रहे आंदोलन के दौरान भू विस्थापितों ने 2 बार खदान को 20 घंटे से भी ज्यादे समय तक बंद रखा और इस बीच आंदोलन कर रहे 16 लोगों को जेल भी भेजा गया लेकिन भू विस्थापित इस बार रोजगार मिलने तक संघर्ष जारी रखने की बात पर अड़े है।

भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के सचिव दामोदर ने कहा कि एसईसीएल रोजगार देने के अपने वायदे पर अमल नहीं कर रहा है भू विस्थापित जमीन के बदले रोजगार मिलने तक संघर्ष जारी रखेंगे।

77 वें दिन चल रहे धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि जब पूरा छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ का महापर्व छेर छेरा मनाएगा तब एसईसीएल कुसमुंडा, गेवरा और कोरबा जिले के अंतर्गत सभी खदानों से प्रभावित भूविस्थापित किसान एसईसीएल कुसमुंडा मुख्यालय के सामने एकत्रित होकर अधिकारियों से छेर छेरा में जमीन के बदले रोजगार मांगेंगे।

77 वें दिन धरना में प्रमुख रूप से राधेश्याम कश्यप,जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू,दामोदर, मोहनलाल कौशिक,रघु,रेशम, अनिरुद्ध, अशोक मिश्रा, हेमलाल, हेमंत साहू, शिवपाल, रामेश्वर,अशोक साहू, दीपक धीवर, बृजमोहन,अश्वनी,बजरंग सोनी,अनिल बिंझवार,हरिशंकर केवर्त, उपस्थित थे

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