कोरबा (पाली)-ट्रैक सीटी/ विश्व बैंक के द्वारा वित्त पोषित परियोजना पारितंत्र सेवा सुधार परियोजना ,भारतीय वानिकी अनुसंधान व शिक्षा परिषद् देहरादून के द्वारा वन मंडल कटघोरा के वन परिक्षेत्र पाली के सुदूर वनांचल के 7 ग्रामों में संचालित है। परियोजना वन की अंधाधुंध कटाई रोकने तथा वन संरक्षण हेतु चयनित 7 गांवों जिसमें कन्हैयापारा, कर्रा नवापारा, चनवारीपारा , नावाडीह, कोडर,परसापानी एवम जमनीपानी में उन्नत चिन्हों का दिनांक 21 दिसंबर से 28 दिसंबर तक 514 हितग्राहियों को वितरण किया गया।
पारितंत्र सेवाएं सुधार परियोजना के मानकों अनुरूप चयनित हितग्राहियों को उक्त परियोजना के परामर्शदाता एनपीएस नैन, वाटर संस्था के स्टाफ देवेंद्र कुर्रे, खिलावन राम यादव गोरेलाल मरकाम एवं मार्तंड सिंह के माध्यम से ग्राम पंचायत कर्रनावापारा के सरपंच श्रीमती पूर्णा सिंह तंवर व ग्राम पंचायत कोडार के सरपंच कमल सिंह राज व ग्राम पंचायत के पंच एवं जनप्रतिनिधियों की सहयोग से उन्नत चूल्हा का वितरण किया गया।
उन्नत चूल्हा के माध्यम से की सेवाओं में सुधार हो सकेगी भारतीय वानिकी अनुसंधान व शिक्षा परिषद के परामर्शदाता एनपीएस नैन ने अवगत कराया कि यह उन्नत चूल्हा स्टोव की तुलना में 60% कम खपत एवं 3 गुना अधिक कुशल है। इस तकनीक से 50 से 60% इंधन (जलाऊ लकड़ी) को बचाया जा सकेगा। इसकी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कार्बन मोनोऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी कर धुवां की उत्सर्जन में कमी करती है। यह तकनीक के माध्यम से वैश्विक तापक्रम में कमी हो सकेगी साथ ही पर्यावरण के संवर्धन में सहयोग होगा। यह चूल्हा अन्य पारंपरिक चूल्हा के द्वारा होने वाले हानिकारक स्वास्थ्य संबंधी प्रभावों को भी रोकने में मददगार साबित हो सकेगी।