गरियाबंद

अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकने जिला प्रशासन सतर्क।

बाल विवाह रोकने के लिए जिला, जनपद और ग्राम स्तर पर मॉनिटरिंग टीम गठित।

*हेल्प लाईन नम्बर 1098 एवं 88392-39688 में भी दे सकते हैं बाल विवाह की सूचना*

*बाल विवाह में शामिल लोगों के खिलाफ की जायेगी कड़ी कानूनी कार्यवाही*

गरियाबंद(ट्रैक सिटी)/ जिला प्रशासन बाल विवाह को रोकने के लिए सतर्क है। कलेक्टर  दीपक कुमार अग्रवाल के निर्देशानुसार अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल विवाह को रोकने के लिए जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति गठित की गई है। यह टीम जिला, जनपद और ग्राम पंचायत स्तर पर बनाई गई है। टीम में शामिल सदस्यगण संभावित बाल विवाह को रोकने अपने आसपास निगरानी बनाये रखेंगे। साथ ही किसी भी जगह बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर रोकने की कार्यवाही करेंगे। बाल विवाह रोकने के लिए बाल विवाह की सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी अनिल द्विवेदी के मोबाईल नम्बर- 88392-39688 पर दे सकते है।

कलेक्टर अग्रवाल ने बाल संरक्षण समितियों, बाल विकास सेवा परियोजना एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों को अलर्ट रहकर बाल विवाह की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने जिले के जनप्रतिनिधियों, स्वयं-सेवी संगठनों और आम लोगों से बाल विवाह नहीं होने देने की अपील की है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी मिशल वात्सल्य योजना महिला एवं बाल विकास विभाग ने बताया कि 10 मई शुक्रवार को अक्षय तृतीया का पर्व है। इस दिन गांव एवं शहरों में काफी संख्या में विवाह होते है। साथ ही बाल विवाह होने की भी संभावनाएं बनी रहती है। जो कि कानून अपराध है। इस दिन बाल विवाह को रोकने के लिए जिला स्तरीय एवं पांचों विकासखण्डों में नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गई है। उन्होंने बताया कि जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति में जिला चिकित्सा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग, सहायक श्रमायुक्त, जिला बाल संरक्षण अधिकारी एवं सामाजिक कार्यकर्ता सदस्य के रूप में शामिल है। सहायक के रूप में समिति में विशेष किशोर पुलिस इकाई के प्रभारी एवं बाल संरक्षण अधिकारी भी शामिल है। इसी प्रकार अनुभाग स्तर निगरानी समिति में एसडीएम, बाल परियोजना अधिकारी, अनुविभागीय पुलिस अधिकारी, सीईओ, तहसीलदार, खंडचिकित्सा अधिकारी शामिल है। पंचायत स्तरीय समिति में सरपच, सचिव, स्कूल प्राचार्य, रोजगार सहायक, ऑगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, मितानिन, महिला स्व-सहायता समूह के कार्यकर्ता, कोटवार, एक-छात्र, एक- छात्रा एवं गणमान्य नागरिक को शामिल किया गया है।

जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि बाल विवाह में शामिल परिजनों सहित विवाह कराने वाले संस्थान, पुरोहित, टेंट हाउस, प्रिंटिंग प्रेस, नाई सहित बैण्ड बाजा बजाने वाले व्यक्ति से लेकर खाना बनाने वाले सगे संबंधी आदि के विरूद्ध भी कड़ी कानूनी कार्यवाही की जायेगी। बाल विवाह प्रतिषेध कानून के तहत 21 साल से कम उम्र के लड़के या 18 साल से कम उम्र की लड़की से विवाह करना या कराना अपराध है। निर्धारित आयु से कम उम्र में शादी करने या करवाने की स्थिति में सभी सम्मिलित लोग अपराध की श्रेणी में आयेंगे। इस अपराध के लिए 2 वर्ष तक कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि 1 लाख तक हो सकता है या दोनों से दंडित किये जाने का प्रावधान है।

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