मुंगेली (ट्रैक सिटी ) जिले में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने, शाला प्रवेश उत्सव को सफल बनाने और मिशन 90 प्लस के लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से कलेक्टर कुन्दन कुमार ने आज जिला कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभा कक्ष में समीक्षा बैठक ली। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, संकुल प्राचार्य सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक के दौरान कलेक्टर ने कहा कि शाला प्रवेश उत्सव स्कूलों में बच्चों के भविष्य की नींव रखने का एक सशक्त अवसर है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि स्कूलों में 20 जून तक सभी विद्यार्थियों को पाठ्यपुस्तकों एवं गणवेश का वितरण सुनिश्चित किया जाए, जिससे पढ़ाई की शुरुआत से ही बच्चों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।
स्कूल परिसरों में स्वच्छता और सुंदरता पर विशेष ध्यान
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि शाला प्रवेश उत्सव के दौरान स्कूल परिसर, भोजन कक्ष, शौचालय आदि की विशेष साफ-सफाई की जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों को आकर्षित करने के लिए विद्यालयों को स्वच्छ, सुंदर और सकारात्मक वातावरण युक्त बनाया जाए। साथ ही उन्होंने स्कूलों में वृक्षारोपण अभियान चलाने की बात भी कही, ताकि पर्यावरण के प्रति जागरूकता के साथ हरियाली भी बढ़े।
ड्रॉपआउट बच्चों की वापसी के लिए चलाएं विशेष अभियान
कलेक्टर श्री कुमार ने स्कूल छोड़ चुके बच्चों (ड्रॉप आउट) के पुनः नामांकन के लिए पालकों से व्यक्तिगत संपर्क करने और बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में पुनः जोड़ने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक शिक्षक यह सुनिश्चित करें कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह जाए। ड्रॉप आउट बच्चों के पालको से संपर्क कर शिक्षा की उपयोगिता के बारे में समझाया जाए।
शत-प्रतिशत उपस्थिति और गुणवत्तापूर्ण मध्यान्ह भोजन सुनिश्चित करने के निर्देश
कलेक्टर कहा कि सभी स्कूलों में शिक्षकों और विद्यार्थियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। इस हेतु प्राचार्य एवं प्रधान पाठकों को नियमित मॉनिटरिंग करने की सलाह दी गई। मध्यान्ह भोजन को लेकर उन्होंने निर्देश दिए कि बच्चों को निर्धारित मेनू के अनुसार स्वादिष्ट और पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध कराया जाए। किसी भी स्थिति में भोजन की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
कमजोर विद्यार्थियों के लिए रेमेडियल क्लास, शिक्षकों को नवाचार की सलाह
बैठक में कलेक्टर ने यह भी कहा कि कमजोर विद्यार्थियों को मुख्यधारा में लाने के लिए रेमेडियल क्लासेस की समुचित व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही शैक्षणिक गतिविधियों की नियमित मॉनिटरिंग करने के लिए एक विशेष कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केवल पढ़ाना ही नहीं, बल्कि बच्चों के समग्र विकास पर ध्यान देना आवश्यक है। इसके लिए नवाचार और रचनात्मक शैक्षणिक गतिविधियों को अपनाया जाना चाहिए।
शिक्षकों की भूमिका को बताया महत्वपूर्ण
कलेक्टर ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा, “बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं, और इस भविष्य को गढ़ने में शिक्षकों की भूमिका सबसे अहम होती है। शिक्षक अगर मन से पढ़ाएं और बच्चों को प्रोत्साहित करें, तो हर बच्चा उत्कृष्ट परिणाम दे सकता है।” उन्होंने शिक्षकों से अपनी जिम्मेदारियों को निष्ठा और ईमानदारी से निभाने की अपील की।
सकारात्मक सोच, नवाचार और सहभागिता से मिलेंगे बेहतर परिणाम
जिला पंचायत सीईओ प्रभाकर पाण्डेय ने बताया कि शिक्षा विभाग यदि सकारात्मक सोच, टीम भावना और नवाचार के साथ कार्य करे, तो मिशन 90 प्लस जैसे लक्ष्य भी आसानी से प्राप्त किए जा सकते हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि शाला प्रवेश उत्सव को जनभागीदारी के साथ एक उत्सव के रूप में मनाया जाए और इस अवसर को बच्चों को शिक्षा के प्रति उत्साहित करने का माध्यम बनाया जाए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्रीमती निष्ठा पाण्डेय तिवारी मौजूद रही।