Korba

न्याय सबका अधिकार है, किसी वर्ग का विशेषाधिकार नहीं : प्रधान जिला न्यायाधीश संतोष शर्मा।

कोरबा (ट्रैक सिटी)/ राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के अवसर पर 9 नवम्बर 2025 को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा द्वारा न्याय जागरूकता एवं विधिक सेवा कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की गई। यह आयोजन राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के तत्वाधान में तथा छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देशन और प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष संतोष शर्मा के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम में माननीय न्यायाधीशगणों एवं विधि क्षेत्र से जुड़े गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही, जिनमें माननीय जयदीप गर्ग, विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी) कोरबा, माननीय गरिमा शर्मा, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश कोरबा, माननीय डॉ. ममता भेजवानी, अपर सत्र न्यायाधीश एफटीएससी (पाॅक्सो) कोरबा, माननीय सोनी तिवारी, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कोरबा, सुश्री त्राप्ती राधव, तृतीय व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ श्रेणी कोरबा, सुश्री ग्रेसी सिंह, प्रथम अतिरिक्त व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ श्रेणी कोरबा तथा डॉ. किरण चौहान, प्राचार्य ज्योति भूषण प्रताप सिंह लॉ कॉलेज कोरबा शामिल रहीं।

कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए प्रधान जिला न्यायाधीश संतोष शर्मा ने कहा कि “न्याय किसी वर्ग का विशेषाधिकार नहीं बल्कि हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है।” उन्होंने विधिक सेवा दिवस मनाने के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस दिवस का मकसद आमजन को उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी देना, न्याय तक समान पहुंच सुनिश्चित करना और निःशुल्क विधिक सहायता योजनाओं के प्रति जनजागरूकता फैलाना है।

उन्होंने अपने उद्बोधन में विधिक सेवा का ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए बताया कि प्राचीन और मध्यकालीन न्याय व्यवस्था में त्वरित निर्णय तो दिए जाते थे, परंतु उसमें निष्पक्ष सुनवाई का अवसर नहीं मिल पाता था, जिससे न्याय की पूर्णता नहीं हो पाती थी। स्वतंत्र भारत में जब आधुनिक न्याय प्रणाली की स्थापना हुई, तब सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय, जिला एवं व्यवहार न्यायालयों की स्थापना के बाद भी यह आवश्यकता महसूस की गई कि गरीब एवं निर्बल वर्गों को न्याय तक पहुंचाने के लिए विशेष व्यवस्था हो। इसी उद्देश्य से विधिक सेवा प्राधिकरणों का गठन किया गया, जो संविधान की भावना के अनुरूप हर व्यक्ति को समान न्याय दिलाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।

इस अवसर पर डॉ. किरण चौहान, प्राचार्य, लॉ कॉलेज कोरबा ने अपने विशिष्ट उद्बोधन में कहा कि विधिक सेवा दिवस समाज में न्याय के प्रति जागरूकता फैलाने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर कार्यरत विधिक सेवा प्राधिकरणों की भूमिका और उनके सामाजिक महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।

कार्यक्रम का संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने किया। उन्होंने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के तहत हर व्यक्ति को न्याय पाने का अधिकार है, और इस दिवस का मूल उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय की पहुंच सुनिश्चित करना है। उन्होंने बताया कि अदालतों द्वारा दी जाने वाली निःशुल्क विधिक सहायता और विधिक साक्षरता अभियान न्याय को सभी के लिए सुलभ बनाते हैं।

इस अवसर पर लीगल एड डिफेंस काउंसिल कोरबा के अधिवक्तागण, विधि कॉलेज के विद्यार्थी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के अधिकारी-कर्मचारी तथा पैरालिगल वॉलंटियर्स बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के अंत में न्यायालयीन अधिकारियों और विधिक विशेषज्ञों ने समाज में विधिक साक्षरता के प्रसार और निःशुल्क न्याय सहायता के लिए निरंतर प्रयास जारी रखने का संकल्प लिया।

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