छत्तीसगढ़बिलासपुर

बाबा इंसान अली का सालाना उर्स 14 नवम्बर से,SDM की मेजबानी में होगा उर्स,चंदे की रशीद छप रही है कोरबा की प्रेस में

बिलासपुर/बिलासपुर जिले में स्थित बाबा सय्यद इंसान अली शाह का सालाना उर्स अगले महीने मस्तुरीSDM की अध्यक्षता में सम्पन्न होना है वक्फ बोर्ड द्वारा दिये गए निर्देश के परिपालन में उर्स की मेजबानी SDM के कांधों पर है लेकिन क्या वास्तव में SDM ही उर्स को सम्पन्न कराएंगे ।पिछले वर्ष भी मस्तुरी SDM द्वारा ही सालाना उर्स की व्यवस्था की गई थी लेकिन नाम मात्र के, प्रशासनिक अधिकारी की जवाबदारी जब कि सच्चाई यह है कि SDM द्वारा वक्फ बोर्ड से बर्खास्त कमेटी को उर्स की जिम्मेदारी सौपीं गयी थी ईस सब के पीछे पीछे SDM का क्या मकसद था यह तो वही बाता सकते है लेकिन इस वर्ष भी उर्स की पुनरावृत्ति होने की आशंका है जो माननीय उच्च न्यायालय की अवमानना होगी चूंकि उच्च न्यायालय ने 4 माह के अंदर बाबा के वक्फ नाम के मुताबिक दरोगा गौटिया के नेतृत्व में कमेटी गठित करने का आदेश दिया है लेकिन इस आदेश को धत्ता बताते हुए SDM ने बर्खास्त कमेटी को उर्स की जिम्मेदारी देने का मन बना लिया है ।

चंदे की रशीद की छपाई कोरबा के प्रेस में

बात दे कि बिलासपुर जिले में स्थित बाबा सय्यद इंसान अली के दरगाह सालाना उर्स की व्यवस्था के लिए कोरबा के एक प्रिंटिंग प्रेस में चंदे की रशिदों की छपाई का काम जोरो पर है अब सवाल यह उठता है कि क्या SDM मस्तुरी रशीद छपवाने के लिए कोरबा से कोटेशन मंगवाए थे या बिलासपुर में प्रिंटिंग प्रेस की हड़ताल चल रही है,कोरबा के प्रिंटिंग प्रेस में छपने वाली रशिदों को हिसाब कौन रखेगा यह भी ज्वलंत प्रश्न है ।

वक्फ बोर्ड खामोश क्यों है

इस मामले में वक्फ बोर्ड की भूमिका पर भी सवाल खड़ा होता है कि बाबा के सालाना उर्स की जवाबदारी SDM के कंधों पर है लेकिन क्या वक्फ बोर्ड इससे अनभिज्ञ है कि उर्स बर्खास्त कमेटी से सम्पन्न कराया जा रहा है और अगर ऐसा है तो उसे घोर लापरवाही कहा जाए तो अतिसंयोक्ति नही होगी या यु कह लीजिए कि जानबूझकर अनजान बने हुए है और अगर ऐसा है तो उर्स के बाद वक्फ बोर्ड एवं SDM को जवाब देना भारी पड़ सकता है।

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