बालोद

बालोद की बेटी डॉली साहू ने यंग साइंटिस्ट इंडिया प्रोग्राम में बनाया स्थान, लाई फाई प्रोजेक्ट से किया जिले का नाम रोशन

चेन्नई में आयोजित कार्यक्रम में किया अपने नवाचारी माॅडल का प्रदर्शन

बालोद (ट्रैक सिटी)  बालोद जिले की छात्रा डॉली साहू ने अपनी नवाचारी प्रतिभा से पूरे देश में जिले का नाम रोशन किया है। स्पेस किड्स मिशन, अटल इनोवेशन मिशन और नीति आयोग के सहयोग से आयोजित यंग साइंटिस्ट इंडिया प्रोग्राम में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय बालोद की छात्रा डॉली साहू ने अपने अनूठे ’लाई-फाई प्रोजेक्ट’ के साथ ग्रैंड फाइनल में स्थान बनाया है। यह प्रतियोगिता 28 और 29 अगस्त को चेन्नई में आयोजित हो रही है, जहाँ देश भर के 160 चुनिंदा प्रोजेक्ट्स में से डॉली का प्रोजेक्ट भी प्रदर्शित हो रहा है।
डॉली साहू ने अपने ’लाई-फाई प्रोजेक्ट’ के माध्यम से प्रकाश की किरणों का उपयोग कर डेटा, ऑडियो और टेक्स्ट मैसेज भेजने की नवाचारी तकनीक विकसित की है। यह तकनीक भविष्य की तेज, सुरक्षित और ऊर्जा-कुशल संचार प्रणाली के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। इस प्रोजेक्ट ने न केवल तकनीकी नवाचार को बढ़ावा दिया है, बल्कि युवा वैज्ञानिकों को प्रेरित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की सराहना करते हुए डॉली ने कहा कि यह उपलब्धि मेरे शिक्षक, परिवार, जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग के मार्गदर्शन व सहयोग के बिना संभव नहीं था। इस प्रकार के अवसर के लिए उसने स्पेस किड्स इंडिया और नीति आयोग को धन्यवाद दिया है।
जिले में कार्यक्रम के नोडल पंकज सोनी ने बताया कि यंग साइंटिस्ट इंडिया प्रोग्राम कार्यक्रम का उद्देश्य हाई स्कूल छात्रों में वैज्ञानिक जिज्ञासा को प्रोत्साहित करना और उन्हें नवाचार के क्षेत्र में कैरियर के लिए प्रेरित करना है। इस आयोजन में देश भर से लगभग 05 हजार से अधिक प्रविष्टियों में से 160 प्रोजेक्ट्स को ग्रैंड फाइनल के लिए चुना गया, जिसमें डॉली का लाई-फाई प्रोजेक्ट शामिल है। यह उपलब्धि बालोद जिले के लिए गर्व का क्षण है और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

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