Korba

बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ हेतु एक दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न।

कोरबा (ट्रैक सिटी)। बाल विवाह करना एवं कराना कानूनन दंडनीय अपराध है। बाल विवाह संपन्न कराने वाले व्यक्तियों, जैसे पंडित, मौलवी आदि को न्यूनतम 2 वर्ष के कठोर कारावास का प्रावधान है। बाल विवाह की रोकथाम हेतु व्यापक स्तर पर जन-जागरूकता अभियान और प्रचार-प्रसार अनिवार्य है। यह बातें जिला पंचायत कोरबा में सोमवार को आयोजित एकदिवसीय कार्यशाला में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत दिनेश कुमार नाग ने कहीं।

नाग ने कहा कि “विशेष पिछड़ी जनजाति समुदायों में बाल विवाह की रोकथाम के लिए अतिरिक्त प्रयास करना आवश्यक है। महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस, पंचायत एवं ग्रामीण विभाग, स्वयंसेवी संस्थाएँ आदि सभी के समन्वित प्रयासों से जिला ही नहीं, पूरा राज्य बाल विवाह मुक्त बनाया जा सकता है।”

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार से प्राप्त निर्देशों के अनुक्रम में कलेक्टर सह-अध्यक्ष, जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति अजीत वसंत के निर्देशानुसार तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत दिनेश नाग, जिला कार्यक्रम अधिकारी बसंत मिंज के मार्गदर्शन में जिले के सभी विद्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों में जन-जागरूकता अभियान निरंतर संचालित किया जा रहा है।

इसी क्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग एवं एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को बाल विवाह प्रतिषेध विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला सम्पन्न हुई। कार्यशाला में राज्य स्तरीय प्रशिक्षक विपिन ठाकुर द्वारा विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत दिनेश कुमार नाग ने उपस्थित बच्चों, अधिकारी,कर्मचारी, स्वयं सेवी संस्थाओं, विभिन्न सामाजिक समुदायों के जन प्रतिनिधियों को बाल विवाह न करने एवं न होने देने की शपथ दिलाई।

जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं आभा के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की प्रमुख धाराओं एवं प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी गई। बच्चों एवं प्रतिभागियों को कानूनी प्रावधानों के साथ सामाजिक जिम्मेदारी निभाने की भी शपथ दिलाई गई।

कार्यशाला में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, किशोर न्याय बोर्ड, परियोजना अधिकारी, सेक्टर पर्यवेक्षक, ग्राम पंचायत सचिव, बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग, श्रम विभाग, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य, एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन के प्रतिनिधि विजय प्रताप, जिला बाल संरक्षण अधिकारी दया दास महंत, धर्मगुरु, सेवा प्रदाता, चाइल्डलाइन 1098 टीम सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

राज्य से प्राप्त निर्देशों के अनुसार, पिछले दो वर्षों में जिन ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों में बाल विवाह का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है, उन्हें बाल विवाह मुक्त ग्राम पंचायत एवं बाल विवाह मुक्त नगरीय निकाय घोषित करने की प्रक्रिया प्रगति पर है।

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