कोरबा

राजस्व मंत्री ने खम्हरिया भेंजी टीम, महापौर की कुसमुण्डा जीएम को खरी-खरी** ग्रामीणों के हित में ठोस निर्णय नहीं आने तक एसईसीएल का काम रहेगा बंद.

कोरबा। बीते माह भर से एसईसीएल कुसमुण्डा प्रबंधन द्वारा ग्राम खम्हरिया में खदान प्रभावितों के बसावट के लिए जमीन समतलीकरण का कार्य करवाया जा रहा है, यहां के ग्रामीण अपनी लंबित मांगों को लेकर अपने स्तर पर इस कार्य का विरोध जता रहें हैं, इसके बावजूद कुसमुण्डा प्रबंधन प्रशासन की मदद से कार्य को बेखौफ अंजाम दे रहा है।  इस बीच राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल खम्हरिया जाने वाले थे लेकिन सुबह अचानक तबियत खराब होने की वजह से महापौर के नेतृत्व में टीम खम्हरिया भेंजी। ग्रामीणों के बीच राजस्व मंत्री के प्रतिनिधि मंडल ने ग्रामीणों की समस्याएं और दर्द सुना और कुसमुण्डा जीएम को फोन लगाकर खरी-खरी कह दिया कि जब तक विरोध कर रहे ग्रामीणों के हित में ठोस निर्णय नही आ जाता, तब तक काम बंद रहेगा।
ज्ञातव्य हो कि एसईसीएल कुसमुण्डा प्रबंधन की मशीनें ग्राम खम्हरिया के आखिरी कोनों तक पहुंच गई है और यह मशीनें अब ग्राम खम्हरिया से होते हुए विकास नगर कुसमुण्डा स्थित विद्या नगर, आईबीपी बस्ती की ओर बढ़ रही है। यहॉ कई लोगों द्वारा बनाई गई फल सब्जी इत्यादि की बाड़ियों को भी जेसीबी द्वारा नेस्तानाबूत कर दिया गया, वहीं कई बस्ती वालों को घर खाली करने नोटिस भी थमा दिया गया है। प्रबंधन का कहना है कि ग्राम खम्हरिया के अलावा आसपास की बस्तियों की जमीन भी कुसमुण्डा प्रबंधन की है, जिसमें काबिज लोगों को हटाना है और यहां पर खदान प्रभावित लोगों को बसावट देना है। प्रबंधन की इन्हीं गतिविधियों से नाराज होकर विद्यानगर और आईबीपी बस्ती के लोग ग्राम खम्हरियावासियों के साथ मिलकर एकजुट हुए और एसईसीएल प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और समतलीकरण के काम में लगी मशीनों का काम बंद करवा दिया गया।
ग्रामीणों ने कहा – अनुबंध में हमने जमीन 20 वर्ष के लिए दिया था
1983 में यह अनुबंध था कि 20 वर्षों तक जमीन का उपयोग करने के बाद यह जमीन उन्हीं किसानों को वापस कर दी जाएगी। आज 40 वर्ष हो गये हैं, किसानों को जमीन वापस नही मिली। उक्त जमीन को एसईसीएल प्रबंधन किसानों को वापस करने के बजाय एसईसीएल के अन्य कर्मचारियों या एसईसीएल प्रभावित परिवार के लिए तैयार कराया जा रहा है, जिसका जमीन के हकदारों ने विरोध किया है। इनका कहना है कि हमने या हमारे पूर्वजों ने इस जमीन को एसईसीएल को मात्र 20 वर्षों के लिए दिया था। उन्हें यह विश्वास था कि 20 वर्षों के बाद हमारे परिवारों को यह जमीन वापस मिल जायेगी। कई परिवार के वरिष्ठ सदस्य जमीन की वापसी की बाट जोहते-जोहते इस संसार से विदा हो गये। अब उनके परिवार के लोग जमीन वापसी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कुसमुण्डा टी.आई. वर्मा की उपस्थिति में निर्णय हुआ कि जब तक एसईसीएल प्रबंधन से सार्थक बातचीत नही होती, तब तक इस पर किसी प्रकार का कोई काम नहीं होगा। स्थल से जेसीबी आदि वाहन हटा लिये गये है।
कुसमुण्डा प्रबंधन को कलेक्टर के भी कड़े निर्देश
प्रभावित ग्रामवासियों केे गत 11-05-2023 को 06 सूत्रीय मांग पत्र के लिए कोरबा कलेक्टर ने एसईसीएल को 06 सूत्रीय मांग की आवश्यक कार्यवाही करने व अवगत कराने का पत्र प्रेषित किया है और आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए मांगो पर त्वरित अमल करने का भी निर्देश दिया है।
आज मंगलवार को ही ग्राम खम्हरियावासियों के समर्थन में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के निर्देश पर कोरबा नगर निगम महापौर राजकिशोर प्रसाद, सभापति श्याम सुंदर सोनी, कांग्रेस अध्यक्ष सपना चौहान ग्राम खम्हरिया पहुंचकर ग्रामीणों से बात की, उनके दर्द को सुना और कुसमुण्डा जी.एम. संजय मिश्रा से मोबाईल के माध्यम से बात कर ग्रामीणों के हित में ठोस निर्णय पर नहीं पहुंच जाने तक काम को बंद रखने की बात कही। बताया जा रहा है कि राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल भी आज खम्हरिया पहुंचने वाले थे, परन्तु अचानक उनकी तबीयत खराब होने की वजह से वे ग्राम खम्हरिया नही पहुंच पाए, लेकिन उन्हांेने आश्वासन दिया है कि वे जनता के साथ किसी प्रकार का अहित नहीं होने देंगे और स्वस्थ होते ही वे जल्द ही ग्रामीणों से मुखातिब होंगे। राजस्व मंत्री के प्रतिनिधि मंडल में एल्डरमेन गीता गवेल, पार्षद बसंत चन्द्रा, पार्षद अजय प्रसाद, पार्षद शाहिद कुजुर, पार्षद मस्तुल कंवर शामिल थे, जिन्होंने सैकड़ों की संख्या में ग्राम खम्हरिया, विद्यानगर और आईबीपी बस्तीवासियों के बीच समस्याएं सुनी। ज्ञातव्य हो कि इस बार महिलाएं भी बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन में शामिल हो रही हैं।
राजस्व मंत्री के आश्वासन के बाद प्रभावितों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है।

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