कोरबा (ट्रैक सिटी)/ भारत की सबसे बड़ी एल्युमीनियम उत्पादक कंपनी, वेदांता एल्युमीनियम ने छत्तीसगढ़ के कोरबा स्थित अपनी इकाई भारत एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (बाल्को) में रेस्टोरा लॉन्च करके अपने लो-कार्बन उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार किया है। बाल्को, वेदांता लिमिटेड की एक सहायक कंपनी है और वेदांता एल्युमीनियम की व्यावसायिक इकाई के रूप में कार्य करती है। यह पहल कंपनी के 2050 तक नेट ज़ीरो कार्बन हासिल करने के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और सतत विनिर्माण के प्रति वेदांता की प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है।
रेस्टोरा का निर्माण नवीकरणीय ऊर्जा से किया जाता है और इसकी ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन तीव्रता प्रति टन एल्युमीनियम पर 4 टन कार्बन डाइऑक्साइड समतुल्य से काफी कम है, जो लो-कार्बन एल्युमीनियम के वैश्विक मानक को पूरा करती है। यह उपलब्धि वेदांता एल्युमीनियम को डी-कार्बोनाइज्ड (कम कार्बन उत्सर्जन वाली) वैश्विक सप्लाई चेन को सक्षम बनाने में एक प्रमुख भूमिका में स्थापित करती है और यह दर्शाती है कि **बाल्को समूह के व्यापक सतत विकास लक्ष्यों के साथ पूरी तरह से समन्वित है।
वेदांता एल्युमीनियम की झारसुगुड़ा स्मेल्टर इकाई वर्ष 2022 की शुरुआत से ही रेस्टोरा का उत्पादन कर रही है । यह इकाई रेस्टोरा अल्ट्रा (एक अल्ट्रा-लो कार्बन उत्पाद, जो पुनर्प्राप्त एल्युमीनियम से बनाया जाता है) का निर्माण भी करती है।
वर्तमान में, बाल्को द्वारा रेस्टोरा इंगट्स की पेशकश की जा रही है, और कंपनी आने वाले समय में उद्योग की बदलती आवश्यकताओं के अनुरूप अपने उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार करने की योजना बना रही है। विकास का यह कदम वेदांता एल्युमीनियम के लो-कार्बन संचालन को और मजबूत करता है तथा भारत और वैश्विक स्तर पर सतत (सस्टेनेबल) सामग्रियों की बढ़ती माँग को पूरा करने में मदद करता है।
हरित (ग्रीन) संचालन की भूमिका पर जोर देते हुए, वेदांता एल्युमीनियम के सीईओ राजीव कुमार ने कहा , “रेस्टोरा पहले ही लो-कार्बन एल्युमीनियम उत्पादन में एक मानक स्थापित कर चुका है। बाल्को में इसके लॉन्च के साथ, हम अपने संचालन के सभी क्षेत्रों में सस्टेनेबल एल्युमीनियम के पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहे हैं। यह कदम भारत की स्थिति को जलवायु-संवेदनशील औद्योगिक विकास के वैश्विक केंद्र के रूप में मजबूत करने की दिशा में एक रणनीतिक पहल है।”
उत्पाद श्रृंखला के बारे में बात करते हुए, बाल्को के सीईओ और निदेशक राजेश कुमार ने कहा , “ऑटोमोबाइल, निर्माण, विद्युत, पैकेजिंग और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे उद्योगों के लिए डिज़ाइन किया गया रेस्टोरा, हमारे ग्राहकों को ग्रीनर वैल्यू चेन बनाने और उत्तरदायी विनिर्माण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने में सक्षम बनाता है। हमने जहाँ रेस्टोरा इंगट्स पेश किए हैं, वहीं हमारे पास रेस्टोरा ब्रांड के तहत वैल्यू-ऐडेड उत्पाद प्रदान करने की क्षमता भी है, ताकि हम अपने ग्राहकों की बदलती आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।” रेस्टोरा के उत्पादन का विस्तार बाल्को तक करना, वेदांता एल्युमीनियम की उस रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत कंपनी अपनी वैल्यू चेन के हर चरण में कार्बन उत्सर्जन को कम करने पर काम कर रही है। संचालन क्षमता बढ़ाने और स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने के निरंतर प्रयासों के माध्यम से, कंपनी ने वित्त वर्ष 2021 से अब तक ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन तीव्रता में 8.96% की कमी हासिल की है।
एल्युमीनियम, जिसे अक्सर “भविष्य की धातु” कहा जाता है, स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों और जलवायु-लचीले बुनियादी ढाँचे को सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसे ध्यान में रखते हुए, वेदांता एल्युमीनियम ने एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया है, जो तकनीकी, परिचालन और विपणन विशेषज्ञता को एक साथ लाकर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, नवीकरणीय ऊर्जा, बुनियादी ढाँचा, एयरोस्पेस और अन्य उभरते क्षेत्रों के लिए नवीन उत्पादों और अनुप्रयोगों का विकास कर रहा है। रेस्टोरा के माध्यम से, कंपनी निरंतर रूप से ऐसा एल्युमीनियम प्रदान करती है, जो न केवल जलवायु-संवेदनशील दुनिया की माँगों को पूरा करता है, बल्कि भारत को सतत औद्योगिक परिवर्तन में अग्रणी बनाने में भी योगदान देता हैं।

