अम्बिकापुर (ट्रैक सिटी)/ सखी वन स्टॉप सेन्टर की केन्द्र प्रशासक सुमन द्विवेदी ने बताया कि स्त्रीधन वापसी के दर्ज प्रकरण में कार्यवाही करते हुए पति द्वारा प्रताड़ित पत्नी को स्त्रीधन और दहेज का सामान दिलाया गया। उन्होंने बताया कि अम्बिकापुर के थाना गांधीनगर अंतर्गत चठिरमा निवासी 34 वर्षीय महिला द्वारा 30 मई 2025 को स्त्रीधन वापसी का प्रकरण दर्ज कराया गया था। पीड़िता परित्यक्ता स्त्री है, इनका विवाह वर्ष 2012 में हिन्दु रीति-रिवाज से सम्पन्न हुआ, दोनों की 10 वर्ष की पुत्री है। महिला द्वारा बताया गया कि विवाह के 01 वर्ष बाद पति के द्वारा शारीरिक एवं मानसिक प्रताड़ना की गई, जिससे परेशान होकर वह अपनी पुत्री के साथ मायके में रहकर अपनी जीविका स्वयं चलाती थी। आवेदिका ने सखी वन स्टॉप सेन्टर के माध्यम से वर्ष 2020 में भरण-पोषण का प्रकरण दर्ज कराया था, जिसमें सखी केन्द्र द्वारा कार्यवाही करते हुए जिला विधिक प्राधिकरण से निःशुल्क अधिवक्ता दिलवाया गया। न्यायालय द्वारा पीड़ीता एवं पुत्री के लिए भरण-पोषण की राशि प्रतिमाह 1500 रुपए दिए जाने कहा गया। गत 04 नवम्बर 2024 को अनावेदक पति की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई, ततपश्चात आवेदिका स्त्रीधन वापसी के प्रकरण में परामर्श चाहती थी। अनावेदक सास- ससुर और अन्य परिजनों को फोन के माध्यम से सम्पर्क कर सखी केन्द्र परामर्श हेतु बुलाया गया। प्रथम परामर्श 17 मई 2025 को रखी गई, जिस दौरान अनावेदकगण द्वारा अपना पक्ष रखते हुए आवेदिका के स्त्रीधन वापसी पर अपनी सहमति जतायी गई और 02 दिनों का समय मांगा गया। द्वितीय परामर्श 19 मई 2025 को रखी गई, जिसमें अनावेदकगण द्वारा पीड़ीता को स्त्रीधन वापस करने एवं क्षतिग्रस्त हुये सामग्री के एवज में नगद 40 हजार रूपये देना तय हुआ। ततपश्चात् 29 मई 2025 को अनावेदक पक्ष द्वारा आवेदिका का सामान एवं नगद राशि दिया गया। पीड़ीता द्वारा सखी केन्द्र का आभार व्यक्त किया गया।
