कोरबा (ट्रैक सिटी)/ कोरबा जिले में प्रमुख सड़कों की दुर्दशा को लेकर पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत नगर निगम सभापति नूतन सिंह ठाकुर की अगुवाई में ट्रांसपोर्ट नगर चौक में विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। कोरबा के विभिन्न क्षेत्रों से सैकड़ो की संख्या में नागरिक स्वंफूर्त धरना में शामिल हुए और जिला प्रशासन के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया।
सभापति नूतन सिंह ठाकुर सहित विभिन्न संगठनों ने कोरबा में सड़कों की दुर्दशा को लेकर कई बार जिला प्रशासन एवं नगर निगम को ज्ञापन देकर सड़कों की दशा सुधारने की मांग की थी, लेकिन जिला व नगर प्रशासन की ओर से सकारात्मक पहल नहीं होने कारण कोरबा के नागरिकों का आज आक्रोश फूट पड़ा। सैकड़ों की संख्या में महिलाएं, युवा और नागरिक धरना प्रदर्शन में शामिल हुए।
नूतन सिंह ठाकुर की अगुवाई में जिला प्रशासन के खिलाफ आयोजित आंदोलन में छत्तीसगढ़ क्रांति सेना, छत्तीसगढ़ जोहर पार्टी, आम आदमी पार्टी, जिला अधिवक्ता संघ, जिला ऑटो संघ, सिटी मिनी बस यूनियन, भू-विस्थापित कामगार संगठन, किसान संगठन, कुसमुंडा व्यापारी संघ सहित नगर पालिक निगम कोरबा के कई पार्षद और विभिन्न समाजों के मुखिया धरना स्थल पर पहुंचकर आंदोलन का समर्थन किया।
पार्षद अब्दुल रहमान, विनम्र तिवारी, टामेश अग्रवाल, श्रीमती प्रीति दिनेश शर्मा, पूर्व पार्षद परमजीत सिंह पप्पी, महेश अग्रवाल, दिनेश सोनी, संतोष कैवर्त, छत्तीसगढ़ क्रांति सी की मुखिया दिलीप मेरी, अतुलदास, जोहर पार्टी के नेता सोनू राठौर, जैनेंद्र कुर्रे, श्रीमती चंचल, कुसमुंडा व्यापारी संघ के मुखिया ओम गभेल, सुरेंद्र राठौर, आम आदमी पार्टी की नेता आनंद सिंह, शत्रुघ्न साहू, किसान नेता दिलहरण सारथी, जोगीराम पटेल, भू-स्थापित कामगार संगठन के अध्यक्ष अशोक कुमार पटेल, जिला अधिवक्ता संघ कोरबा के अध्यक्ष गणेश कुलदीप, आटो संघ कोरबा के उपाध्यक्ष पंकज तिवारी, सिटी मिनी बस यूनियन के नेता धनेश्वर साहू सहित अनेक नेताओं ने धरना को संबोधित करते हुए सड़कों के विनाश के लिए जिला प्रशासन को दोषी ठहराया। सभी नेताओं ने एक सुर में कहा कि कोरबा में हजारों करोड रुपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहे हैं शासन की राशि का सही उपयोग नहीं हो रहा है जिसके कारण लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त एवं स्थिति बदतर होते जा रहा है।
इस अवसर पर सभापति नूतनसिंह ठाकुर ने कहा कि कोरबा के अधिकारी जनप्रतिनिधियों की आवाज नहीं सुन रहे हैं, शासन के करोड़ों रुपए व्यर्थ फूंके जा रहे हैं। यह धरना प्रदर्शन शासन प्रशासन को होश में लाने का शांतिपूर्ण प्रयास है। इसके बाद भी सड़कों की स्थिति नहीं सुधरी तो दिवाली के बाद आम नागरिकों के साथ मिलकर उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।