Korba

समर्थन मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ा किसानों का उत्साह।

धान खरीदी केंद्रों में उत्कृष्ट सुविधाएँ - किसान संतुष्ट और तैयार।

कोरबा (ट्रैक सिटी)/ राज्य सरकार द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 की धान खरीदी प्रक्रिया को पारदर्शी, सुचारू और किसान-केंद्रित बनाने के लिए किए गए व्यापक प्रयासों का सकारात्मक प्रभाव जिले में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में धान का समर्थन मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित होने के बाद किसानों में नया उत्साह देखने को मिल रहा है। जिले के ऐसे संतुष्ट और उत्साहित किसानों में ग्राम ढेगुरडीह के किसान धनाराम राठिया हैं। उनके पास 05 एकड़ कृषि भूमि है और वे धान के साथ-साथ मूंगफली की खेती भी करते हैं। उन्होंने पिछले वर्ष 100 क्विंटल धान का विक्रय किया था। वे अपना धान प्रतिवर्ष कोरकोमा मंडी में बेचते हैं।

इस वर्ष भी बढ़े हुए समर्थन मूल्य और उत्कृष्ट सुविधाओं से वे बेहद संतुष्ट और उत्साहित हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार ने वास्तव में किसानों की जरूरतों को समझा है। इसी सोच का परिणाम है कि 3100 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य और प्रति एकड़ 21 क्विंटल की नीति ने सभी किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत और खुशहाल बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है। इसके साथ ही समिति में धान विक्रय के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या न आने से यह और स्पष्ट हो जाता है कि सरकार किसानों को समझती है और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए लगातार बेहतरीन कार्य कर रही है।

धान विक्रय से प्राप्त आय को राठिया हर वर्ष किसानी में ही पुनः निवेश करते हैं। छह बच्चों 03 बेटियाँ और 03 बेटे के पिता होने के नाते खेती उनके परिवार का मुख्य आधार रही है। बढ़े हुए समर्थन मूल्य ने उनकी योजनाओं को और मजबूत किया है। वे बताते हैं कि इस वर्ष की आय का उपयोग वे खेत सुधार और मूंगफली की खेती बढ़ाने में करेंगे।

सभी सहकारी समितियों और उपार्जन केंद्रों पर पीने के पानी, साफ-सुथरा बैठने का स्थान, छायादार शेड, शौचालय, हेल्प डेस्क, और निगरानी दलों की नियमित उपस्थिति जैसी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की गई हैं ताकि किसी किसान को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। तौल प्रक्रिया, टोकन व्यवस्था और भुगतान प्रणाली पहले से कहीं अधिक पारदर्शी होने के कारण किसान सुरक्षित और निश्चिंत हैं।

कलेक्टर अजीत वसंत के निर्देशन में जिले के उपार्जन केंद्रों का सतत निरीक्षण किया जा रहा है। अधिकारियों की नियमित उपस्थिति, किसानों को किसी प्रकार की समस्याओं न हो, और सुरक्षा व पारदर्शिता पर विशेष ध्यान ने संपूर्ण प्रक्रिया को अत्यंत सरल बना दिया है। इस व्यवस्था के कारण किसान उत्साहित हैं।

Editor in chief | Website |  + posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button