रायपुर

सेकंड हैंड गाड़ियों की खरीदी बिक्री होगी आसान

परिवहन परिवहन सुविधा केंद्रों में ही हो जाएगा काम,100 रुपये लगेंगे अतिरिक्त

रायपुर, 14 फरवरी (ट्रैक सिटी न्यूज़) छत्तीसगढ़ में सेकंड हैंड गाड़ियों की खरीदी बिक्री के लिए अब आरटीओ ऑफिस जाने की जरूरत नहीं होगी। परिवहन विभाग अब से आधार ऑथेंटिकेशन नाम से नई प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है, जिसके तहत गाड़ी की खरीदी बिक्री करने वाले अपने नजदीकी परिवहन सुविधा केंद्र में आसानी से नाम ट्रांसफर करा सकेंगे। इस नई व्यवस्था के शुरू होने से लोगों को सीधा लाभ मिलेगा अभी जितना पैसा ट्रांसफर में लग रहा है उसमें ₹100 अतिरिक्त परिवहन सुविधा केंद्र में देने से ही यह काम हो जाएगा।

परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा ने बताया परिवहन विभाग के आधार ऑथेंटिकेशन की नई व्यवस्था के शुरू हो जाने से सेकड हैंड गाड़ी की खरीदी बिक्री करने वाले को अब नाम ट्रांसफर की सुविधा परिवहन सुविधा केंद्र के जरिए दी जाएगी। आरटीओ के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में हर साल 2 लाख से ज्यादा सेकंड हैंड गाड़ियां खरीदी और बेची जाती है। ऐसे में इन गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट ट्रांसफर करना होता है।

अभी के समय में नाम ट्रांसफर के काम में बहुत परेशानी होता है। जब तक गाड़ी की ओनरशिप वाहन विक्रेता अपने नाम ट्रांसफर नहीं करते तब तक आधिकारिक तौर से उस गाड़ी के मालिक नहीं कह जाते हैं इसी तरह अगर आपने गाड़ी बेचा है और उस गाड़ी से कोई घटना घटित होती है तो आरसी बुक में दर्ज व्यक्ति के नाम से कार्रवाई होती है। पुरानी कार या बाइक खरीद या बेच रहे हैं तो उसके लिए रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर करना जरूरी होता है। जिसके बाद गाड़ी खरीदने वाले के नाम से नया आरसी बुक बनता है । वर्तमान में इसके लिए ऑनलाइन फॉर्म भरना होता है। फॉर्म भरने के बाद वाहन विक्रेता और क्रेता दोनों को ही आरटीओ जाना होता है साथ ही गाड़ी को भी वेरिफिकेशन किया आरटीओ ले जाना पड़ता है।

इस दौरान लोग कार्यालय के चक्कर लगाने से बचने के लिए एजेंट का सहारा लेते हैं। एजेंट इस छोटे से काम के लिए उनसे मोटी रकम वसूल करते हैं। अब यह कार्य परिवहन सुविधा केंद्र के माध्यम से आधार ऑथेंटिकेशन के माध्यम से किया जा सकेगा। इस हेतु परिवहन सुविधा केंद्र संचालकों को शासकीय फ़ीस के अतिरिक्त 100 रूपए फ़ीस लेने अधिकृत किया गया है।

जानिए अब क्या रहेगा नया सिस्टम

प्रदेशभर में परिवहन विभाग ने 500 सुविधा केंद्र तो वहीं रायपुर जिले में करीब 50 सुविधा केंद्र खोले हैं। वर्तमान में यहां परिवहन संबंधित कामों के लिए ऑनलाइन फार्म भरने का काम किया जाता है। विभाग अब इन सेवा केंद्रों पर आधार ऑथेंटिकेशन शुरू कर रहा है। यहां क्रेता-विक्रेता को अपना आधार नंबर बताना होगा। सेवा केंद्र में बैठा कर्मचारी परिवहन विभाग के सॉफ्टवेयर में गाड़ी नंबर और मालिक के नाम की जांच करेगा। तत्पश्चात् परिवहन सुविधा केंद्र में आधार ऑथेंटिकेशन डिवाइस में वाहन क्रेता विक्रेता का फिंगर प्रिंट लिया जाएगा। अधिकारी का कहना है कि गाड़ी मालिक को कार्यालय का चक्कर न लगाना पड़े, इसलिए प्रक्रिया को सरल किया जा रहा है।

अभी इतनी है फीस

अभी दफ्तर जाकर नाम ट्रांसफर कराने पर अलग अलग गाड़ियों का अलग-अलग चार्ज लगता है। टू व्हीलर गाड़ियों का 400 रुपए लगता है। लाइट मोटर व्हीकल का 550 रुपए और थ्री व्हीलर का 750 रुपए देना पड़ता है। लोग दलालों के चक्कर में पड़कर अतिरिक्त राशि देते हैं, लेकिन अब यही काम 100 रुपए देकर सेवा केंद्र से कराया जा सकेगा। इससे समय भी बचेगा और पैसे भी।

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