कोरबा (ट्रैक सिटी) भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी जिला परिषद कोरबा द्वारा दिन 9 जून 2025 सोमवार को महामहिम राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं स्कूल शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा गये ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लागू की जा रही स्कूलों के युक्तियुक्तकरण और शिक्षकों के समायोजन की नीति के संबंध में अपनी गंभीर आपत्तियां और चिंताए आपके समक्ष प्रस्तुत कर रही है । सरकार द्वारा 10443 स्कूलों के युक्तियुक्तकरण का निर्णय लिया गया है, जिसके तहत कम संख्या वाले स्कूलों को अन्य स्कूलों में विलय किया जा रहा है, इससे ग्रामीण व सुदूर क्षेत्रों व आदिवासी क्षेत्रों में स्कूलों के बंद होने की स्थिति निर्मित हो रही है, जो बच्चों के शिक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित करेगी। यह शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों के विपरीत है युक्तियुक्तकरण के तहत 5370 शिक्षकों को अतिशेष घोषित कर अन्य स्कूलों में स्थानान्तरित किया जा रहा है साथ ही प्राथमिक शालाओं में 2008 के सेटअप (1 प्रधान पाठक +2 सहायक शिक्षक) को संबोधित कर एक पद कम किया जा रहा है, इससे शिक्षकों पर कार्यभार बढ़ेगा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना असंभव हो जाएगा। दो शिक्षकों के साथ कक्षाओं का संचालन अव्यवहारिक है, इससे शिक्षकों पर अनावश्यक दबाव बढ़ेगा और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों की कमी से ड्रापआउट दर बढ़ने की आशंका है और विशेष रूप से आदिवासी और पिछड़े समुदाय के बच्चों के भविष्य को खतरे में डालेगी। युक्तियुक्तकरण के कारण शिक्षक भर्ती की आवश्यकता को कम करने की कोशिश की जा रही है वर्तमान में राज्य में 15000 के लगभग शिक्षकों की कमी है लेकिन इस नीति से भर्ती की आवश्यकता को घटाकर 5000 हजार कर दिया गया है। यह बेरोजगार शिक्षित युवाओं के लिए अन्याय पूर्ण है। और रसोईया, सफाई कर्मी, चौकीदार भी बेरोजगार हो जायेंगे इस संबंध में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला कोरबा की मुख्य मांगे निम्नानुसार है।
1) युक्तियुक्तकरण की वर्तमान नीति को तत्काल रद्द किया जाए और 2008 के सेटअप को यथावत रखा जाए।
2) एकल शिक्षक और शिक्षक विहीन स्कूलों की समस्याओं को हल करने के लिए अतिशेष शिक्षकों का समायोजन पारदर्शी और तर्क संगत तरीके से किया जाए।
3) रिक्त 15000 शिक्षक पदों का तत्काल भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए।
4) ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में स्कूलों को बंद करने के बजाय ,वहां शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय।
5) युक्तियुक्तकरण नीति पर शिक्षक संगठनों व जनप्रतिनिधियों के साथ विचार विमर्श कर सहमति बनाई जाय।
6) ग्राम पंचायत, शाला प्रबंधन समिति और ग्राम सभा की अनुमति के बिना निजी स्कूल खोलने व संचालन करने की अनुमति राज्य शासन द्वारा न दी जाय।
7) जनप्रतिनिधिओ, प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों व कर्मचारियों के बच्चों की शासकीय स्कूलों में भर्ती किया जाना आवश्यक किया जाय ताकि लोगों का शासकीय स्कूलों पर विश्वास बढ़ सके।
8) शासकीय शिक्षकों व कर्मचारियों के लिये स्कूल के समीप ही आवासीय भवन का निर्माण सुनिश्चित किया जाय।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी आपसे विनम्र अनुरोध करती है उपरोक्त मांगों पर गंभिरता से विचार करते हुए शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने और शिक्षकों के हितों की रक्षा करने के लिए तत्काल कदम उठाये जाय ।यदि हमारी मांगों पर उचित कार्यवाही नहीं की गई तो हमें मजबूरन व्यापक प्रदर्शन और आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा जिनकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी राज्य शासन की होगी।
ज्ञापन देते समय जिला सचिव पवन कुमार वर्मा, सहसचिव कामरेड धर्मा राव, सह सचिव कामरेड अनूप सिंह, कोषाध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी और अन्य साथी उपस्थित रहे।
