बलरामपुर (ट्रैक सिटी) दीपावली पर्व नजदीक आते ही जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्व-सहायता समूहों की महिलाएं मिट्टी के दिए बनाकर आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश कर रही हैं। साथ ही समूह की महिलाएं आजीविका के लिए विभिन्न उत्पादों जैसे रंगोली, बांस से निर्मित सामग्रियां सहित अन्य हस्त निर्मित उत्पादों तैयार कर रहीं हैं और प्रशासन की पहल से रजत जयंती के अवसर पर इन उत्पादों को स्थानीय बाजार उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी की गई है।
जिगड़ी ग्राम पंचायत में सक्रिय महिला स्व-सहायता समूह ने इस बार लगभग 5500 से अधिक मिट्टी के दिए तैयार किए हैं। पहले ये महिलाएं केवल घरेलू उपयोग के लिए दिए बनाती थीं, लेकिन अब जिला प्रशासन और ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से इन्हें व्यावसायिक रूप दिया गया है। राजपुर की जय मां अम्बे स्व सहायता समूह और बलरामपुर की ज्योती समूह की दीदियां समूह दिन-रात लगन से दिए तैयार कर रहे हैं। इन दोनों समूह में 10-10 दीदियां शामिल है। समूह की अध्यक्ष श्रीमती सलिता गुप्ता बताती हैं कि पहले दीपावली पर बाहर से दिए खरीदते थे, अब हम खुद बना रहे हैं और बेच भी रहे हैं। ये हमारे लिए आत्मनिर्भर बनने का रास्ता है।
इन दीयों को बनाने में प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जा रहा है। समूह की महिलाओ के द्वारा सुंदर डिज़ाइनों, रंगों और आकृतियों मे सजाया गया हैं। साथ ही आकर्षक तरीके से पैकेजिंग की गई है। इससे एक ओर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय कला को भी नई पहचान मिल रही है। महिला स्व सहायता समूह में कार्यरत महिलाओ ने लगभग 5500 तैयार किए गए दिए और उनके लिए बिक्री स्थल हेतु उपलब्ध कराया गया है।
स्व-सहायता समूहों के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए जिला स्तर पर मार्केटिंग की व्यवस्था की गई है। जिसमें जिला प्रशासन द्वारा शनि मंदिर के पास प्राथमिक शाला बरियाडीह में 16 से 19 अक्टूबर तक बिहान बाजार लगाया जा रहा है। जहां स्व सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए विभिन्न उत्पादों के बिक्री के लिए अलग-अलग स्टॉल दिए गए हैं। जहां विभिन्न समूह की महिलाओं के द्वारा मिट्टी के दीपक, रंगोली, बांस से निर्मित सामग्रियां सहित अन्य हस्त निर्मित उत्पाद एवं सामग्रियां बिक्री की जाएगी।