Korba

हसदेव बांगों जलाशय की मछली पालन नीति से स्थानीय मछुआरें हो रहे लाभांवित।

कोरबा (ट्रैक सिटी)/ छत्तीसगढ़ शासन की मछुआरों के हितार्थ जारी नवीन मछुआ नीति 2022 अनुसार राज्य के 1000 हेक्टेयर से अधिक के जलाशयों को मत्स्य पालन हेतु छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य महासंघ के अधिपत्य में रखा गया है जिसे मत्स्य महासंघ द्वारा खुली निविदा आमंत्रित कर पंजीकृत मत्स्य सहकारी समिति/मछुआ समूह, पंजीकृत व्यवसायिक संस्था/ कंपनी/ फर्म/ समूह/ व्यक्ति को 10 वर्ष के लिए किया जाता है।

सहायक संचालक मत्स्य पालन विभाग ने बताया कि खुली निविदा से प्राप्त आय का 50 प्रतिशत रायल्टी राज्य शासन के खाते में जमा की जाती है, शेष बची 50 प्रतिशत राशि के 25 प्रतिशत राशि से जलाशय में स्थानीय स्तर पर मत्स्याखेट करने वाले मछुआरों को लाभ दिया जाता है। खुली निविदा से जिस संस्था/व्यक्ति को जलाशय आबंटित होते हैं वे स्थानीय मछुआरों के माध्यम से मत्स्याखेट करते हैं। साथ ही खुली निविदा में पंजीकृत मछुआ सहकारी समिति/समूहों को प्राथमिकता है। पंजीकृत मछुआ सहकारी समितियों/ मछुआ समूहों द्वारा निविदा में भाग लेने पर निविदा में प्राप्त अधिकतम दरों में 10 प्रतिशत छूट की पात्रता है। जिसके कार्यक्षेत्र में उक्त जलाशय/बैराज स्थित है। जलाशयों में केज कल्चर योजनांतर्गत समिति/समूहों एवं विस्थापित परिवारों को लाभान्वित किया जाता है। जिससे विस्थापित प्रभावित परिवारों एवं क्षेत्र की आम जनता संतुष्ट एवं खुश हैं।

Editor in chief | Website |  + posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button