कोरबा (ट्रैक सिटी) महिला पतंजलि योग समिति छत्तीसगढ़ के 1 जून 2025 रविवार से आयोजित 25 दिवसीय सह योग प्रशिक्षण शिविर में त्रिदोष (वात-पित्त-कफ) से प्रकृति एवं आहार का निर्धारण कर सुस्वास्थ्य की प्राप्ति पर वर्चुअल ऑन लाइन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमे पतंजलि योगपीठ हरिद्वार उत्तराखंड के आजीवन सदस्य, पतंजलि योगपीठ हरिद्वार से प्रशिक्षित प्रसिद्ध आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञ नाड़ीवैद्य डॉ.नागेन्द्र नारायण शर्मा ने सुस्वास्थ्य के लिये त्रिदोष (वात-पित्त-कफ) के अनुसार नुसार व्यक्ती की प्रकृति, उसके व्यवहार के बारे मे विस्तार से बताया। त्रिदोषानुसार व्यक्ती की प्रकृति अनुरूप आहार के विषय में विस्तार से बताते हुये उन्होंने आहार को इस धरती पर सबसे बड़ी औषधि बताया। साथ ही उन्होंने आयुर्वेद के महर्षि आचार्य चरक के अनुसार भोजन करने के दस नियम तथा आयुर्वेद के महर्षि आचार्य सुश्रुत के अनुसार प्रकृतिनुसार, कालानुसार एवं रोगानुसार किसे किस परिस्थिति में कैसा किस तरह का भोजन करना चाहिये से संबंधित 12 नियमों को भी विस्तार से बताते हुये भोजन के असंतुलन तथा श्रम के अभाव को रोगों का मूल कारण बताते हुये कहा की यदि हम अपने आहार को संतुलित रखें तो हम आजीवन निरोगी रह सकते हैं। इस 25 दिवसीय सह योग प्रशिक्षण शिविर में राज्य कार्यकारिणी व बिलासपुर-प्रभारी हेमलता साहू के नेतृत्व में कोरबा, बिलासपुर, महासमुंद, बलौदाबाजार, सारंगढ़, बेमेतरा, जांजगीर-चांपा से 75 भाई/बहन प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है। इस 25 दिवसीय सह योग शिक्षक प्रशिक्षण शिविर में जिला दुर्ग प्रभारी ममता साहू, बबीता नागपुरे, जिला कोरबा से एस.लक्ष्मी मूर्ति, इंद्राणी पांडे, आभा देवांगन, बिंद्रा चौहान जिला बिलासपुर से संतोषी यादव, रश्मि श्रीवास्तव, आशा सोनी जिला बेमेतरा से नीलिमा साहू, रीना साहू जिला सारंगढ़ से पद्मावती साहू, जहित पटेल जिला महासमुंद से ममता प्रधान, सुमति साहू, जिला बलौदा बाजार से मीना साहू, खुमेश्वरी वर्मा, और हेमलता साहू के अलावा पूरे छत्तीसगढ़ से बड़ी संख्या में 25 दिवसीय सह योग प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण ले रहे भाई एवं बहने विशेष रूप से उपस्थित रही।