Korba

“सांप डसे तो झाड-फूक में समय न गवाएं, शीघ्र अस्पताल पहुंचे”

कोरबा (ट्रैक सिटी)/ कोरबा जिला वनांचल क्षेत्र होने के कारण, बरसात का मौसम शुरू होते ही वातावरण में नमी और उमस बढ़ने तथा वर्षा का पानी जब उनके बिलों में भर जाने के कारण अपने भोजन की तालाश में जहरीले कीट, सांप बिच्छु सुरक्षित स्थान की तलाश में अक्सर बाहर आ जाते हैं तथा भोजन की खोज में घरों में घुस जाते हैं और लोगों को काटने का खतरा बढ़ जाता है।  जिससे सर्पदंश की घटनाएँ बढ़ जाती हैं । सर्पदंश से अधिकांश व्यक्तियों की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है।  ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामीण सर्पदंश के मामले में चिकित्सा विज्ञान पर विश्वास नहीं रखते है तथा बैगा गुनिया से झाड-फूक कराते हैं एवं अंधविश्वास व अज्ञानता के कारण असमय कालकवलित हो जाते हैं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.एन.केशरी ने जानकारी देते हुए बताया कि झाड़-फूक से किसी भी सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति की जान नही बचाई जा सकती है।  अंधविश्वास के कारण ग्रामीण संर्पदंश के मामलों में झाड-फूक में समय नष्ट कर मरणासन्न स्थिति में पीड़ितों को चिकित्सालय लाया जाता है, जिससे एैसे प्रकरणों में जीवन बचाने में चिकित्सक भी असफल रहते हैं।

उन्होंने बताया कि जिले के ग्रामीण क्षेत्र में सर्पदंश के प्रकरणों में बचाव हेतु जनसामान्य में जागरूकता लाने हेतु विभागिय स्तर पर सभी अधिकारियों /कर्मचारियों को नागरिकों को व्यापक स्वास्थ्य शिक्षा देने व सजग रहने की हिदयत दी गई है। वर्तमान स्थिती में जिला चिकित्सालय सहित विकासखण्ड मुख्यालय स्थित सामु.स्वास्थ्य केन्द्रों में सर्पदंश के प्रकरणों का निःशुल्क ईलाज हेतु पर्याप्त मात्रा मे दवाईयां (एण्टी स्नेक वेनम )उपलब्ध है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने सर्पदंश के अप्रत्याशित प्रकरणों में कमी लाने व बचाव के सारगर्भित उपायों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि -अगर आप घर से बाहर जा रहे हैं और उस क्षेत्र में पर्याप्त रोशनी नहीं है, तो अपने साथ टार्च अवश्य रखें तथा जूते अवश्य पहनें। घरों में समुचित प्रकाश की व्यवस्था बनाए रखें। घरों में कूड़े करकट का ढेर लगाकर न रखें। शयन कक्ष में भोजन सामग्री , धान आदि न रखें, ताकि चूहे का आना कम हो। आपके पड़ोस या आस-पास के इलाके में सांप के काटने की स्थिति में घबराएं नही, घबराने से हृदय गति बढ़ सकती है और सर्पदंश के शिकार व्यक्ति के लिए यह घातक साबित हो सकता है, क्योंकि इससे विष तेजी से पूरे शरीर में फैल सकता है। सर्पदंश वाली जगह के उपरी हिस्से को कपड़ा या रस्सी से न बांधे। अधिकांश परिस्थितयों में बेहद हानिकारक हो सकती है। सांप के काटने वाली जगह पर कुछ भी बॉधने से उपचार के लिए हटाये जाने पर विष का तेजी से असर हो सकता है। सर्पदंश से प्रभावित अंग को हिलाए डुलाएं नहीं । हिलाने -डुलाने से शरीर के अन्य अंगों में जहर तेजी से फैल सकता है। सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को काटने वाली जगह के आसपास काटे और जलाएं नहीं। झोलाछाप चिकित्सक या झाड़-फूक के पास न जावें। सांप के काटने का एकमात्र इलाज अस्पताल में दिए जाने वाले एंटीवेनम के माध्यम से होता है। सर्पदंश पश्चात नजदीकी सामु.स्वास्थ्य केन्द्र अथवा जिला चिकित्सालय में बिना विलंब किए चिकित्सक से परीक्षण व उनके सलाह के अनुसार तत्काल उपचार करावें।.

कलेक्टर अजीत वसंत व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.एन.केशरी ने जिले के सभी नागरिकों से आग्रह किया है कि वे सर्पदंश के मामले में तत्परतापूर्वक नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में नि-शुल्क उपचार प्राप्त करें, जिससे सर्पदंश से असामयिक मृत्यु की रोकथाम हो सके । साथ ही एैसे आपात स्थितियों पर क्षेत्र के आर.एच.ओ. या मितानिन से संपर्क कर सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को तत्काल समीपस्थ अस्पताल पहूँचाये।

 

Editor in chief | Website |  + posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button