गरियाबंद

पॉक्सो एवं बलात्कार मामलें के आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड से किया गया दण्डित।

गरियाबंद (ट्रैक सिटी)/ फास्ट ट्रेक विशेष न्यायालय (पॉक्सो एवं बलात्कार मामलें), गरियाबंद के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश यशवंत वासनीकर ने नाबालिग बालिका को शादी का लालच देकर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी रामनारायण महंत उर्फ रामू पिता पूरन लाल महंत उम्र लगभग 27 वर्षीय ग्राम जामगांव निवासी थाना फिंगेश्वर को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड से दण्डित किया हैं।

मामले के संबंध में शासन की ओर से पैरवी करते हुए विशेष लोक अभियोजक एच. एन. त्रिवेदी ने बताया कि नाबालिग बालिका/पीड़िता ने थाना में रिपोर्ट दर्ज कराया था, कि उसके माँ-पिता कमाने-खाने के लिए बाहर रहते हैं, बीच-बीच में मिलने आते हैं, वह अपने छोटे भाई-बहन के साथ गाँव में अपने दादी के पास रहती हैं। आरोपी रामनारायण महंत उसके घर आता-जाता रहता था कि पिछले वर्ष होली के दिन आरोपी ने पीड़िता को प्यार करता हॅू शादी कर पत्नी बनाकर रखूँगा कहने पर पीड़िता ने उसे अभी छोटी हॅू कहकर मना कर दी। उसके कुछ दिनों बाद आरोपी ने बहला फुसला कर पीड़िता को नाबालिग जानते हुए भी उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया और घटना को किसी को मत बताना कहकर मारने की धमकी भी दिया था। घटना के संबंध में पीड़िता द्वारा अपने माँ-पिता को बताने व रिपोर्ट लिखाये जाने पर थाना फिंगेश्वर द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर उसके विरूद्ध धारा 366, 376 (2) (ढ) भा.दं.वि. एवं धारा 04 व 06 पॉक्सो एक्ट के तहत् न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था।

फास्ट ट्रेक विशेष न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश यशवंत वासनीकर द्वारा प्रकरण में उपलब्ध साक्ष्य, तथ्य एवं अपराध की गंभीरता पर विचार कर नाबालिग पीडिता को शादी का झांसा देकर उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म कर मारने की धमकी दिये देने वाले आरोपी रामनारायण महंत उर्फ रामू को दोषसिद्ध पाते हुए पॉक्सो एक्ट की धारा 06 के तहत् 20 वर्ष (बीस वर्ष) का सश्रम कारावास एवं 5,000रू. (पाँच हजार रूपयें) के अर्थदण्ड, भादंवि की धारा 366 के तहत् 05वर्ष (पॉच वर्ष) का सश्रम कारावास एवं 2000रू. का अर्थदण्ड व धारा 506 भाग दो के तहत् 02वर्ष (दो वर्ष) का सश्रम कारावास एवं 1000रू. के अर्थदण्ड से दंडित किया गया हैं। न्यायाधीश द्वारा पारित निर्णय में नाबालिग बालिका / पीड़िता के साथ हुई उक्त घटना से होने वाले शारीरिक व मानसिक पीड़ा तथा उसके जीवन व मनोदशा पर पड़ने वाले मनोवैज्ञानिक प्रभाव को ध्यान में रखते हुए आर्थिक एवं सामाजिक परिस्थितियो पर विचार कर नाबालिग पीड़िता को प्रतिकर स्वरूप 4,00,000रू. (चार लाख रूपयें) दिलाये जाने का जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायपुर को नियमानुसार कार्यवाही करते हुए प्रतिकर प्रदाय किये जाने के लिए निर्देशित किया गया हैं।

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