*शासन से पदोन्नति के नीति नियम 15 का अनुपालन कर प्रधान पाठक से व्याख्याता बने लोगों को प्राचार्य पदोन्नति की सूची में शामिल करने की मांग..*
*प्राचार्य पदोन्नति के क़ानूनी मामले का निराकरण किये जाने हेतु त्वरित पहल करने “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” ने शासन से की मांग..*
(ट्रैक सिटी) बिलासपुर-रायपुर/ “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” तथा “छत्तीसगढ़ राज्य सर्वशासकीय सेवक अधिकारी- कर्मचारी पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” तथा सहयोगी संगठन “छत्तीसगढ़ प्रगतिशील एवं नवाचारी शिक्षक महासंघ (Chhattisgarh Progressive and Innovative Teachers Federation- CGPITF) के द्वारा प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग में विगत 12 वर्षों से लंबित प्राचार्य पदोन्नति का शासन से आदेश जारी करवाने व माननीय हाई कोर्ट छत्तीसगढ़ में प्राचार्य पदोन्नति के मामले में लगी याचिकाओं का निराकरण किये जाने के लिए विधिसम्मत ढंग से उचित पहल करने तथा काउंसलिंग के माध्यम से “टी एवं ई संवर्ग” में प्राचार्य के रिक्त समस्त पदों पर पदस्थापना आदेश जारी करवाने के लिए कारगर पहल की हैं।
गौरतलब हैं कि माननीय हाई कोर्ट छत्तीसगढ़ बिलासपुर के डिवीज़न बैंच ने विगत 1 जुलाई 2025 को दिए अपने महत्वपूर्ण फ़ैसले में प्राचार्य पदोन्नति पर लगे स्टे को हटा दिया था, इससे स्कूल शिक्षा विभाग में विगत 12 वर्षों से रुकी हुई प्राचार्य पदोन्नति का मार्ग प्रशस्त हो गया था। किन्तु माननीय हाई कोर्ट छत्तीसगढ़ के सिंगल बैंच में प्राचार्य पदोन्नति के एक मामले में स्टे दिए जाने के कारण “ई संवर्ग” की प्राचार्य पदोन्नति पर अभी भी क़ानूनी रोक लगी हुई हैं। माननीय हाईकोर्ट छत्तीसगढ़ के सिंगल बैंच में प्राचार्य पदोन्नति के उक्त मामले की सुनवाई दिनांक 28 जुलाई 2025 को होनी हैं।
“छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” के प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने राज्य शासन, सचिव स्कूल शिक्षा विभाग तथा संचालक लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़ से मांग की हैं कि माननीय हाईकोर्ट छत्तीसगढ़ में “टी संवर्ग” की प्राचार्य पदोन्नति के मामले में कोई क़ानूनी रोक नहीं लगी हैं, अंत: “टी संवर्ग” की प्राचार्य पदोन्नति के लिए तत्काल काउंसलिंग कर 15 अगस्त 2025 के पूर्व प्राचार्य पद पर पदस्थापना आदेश जारी किया जावें।
प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने शासन से मांग की हैं कि माननीय हाई कोर्ट छत्तीसगढ़ में “ई संवर्ग” की प्राचार्य पदोन्नति में लगी याचिकाओं का क़ानूनी समाधान हेतु त्वरित पहल कर “ई संवर्ग” की प्राचार्य पदोन्नति का भी मार्ग शीघ्र प्रशस्त करें।
प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने शासन से पुरज़ोर मांग की हैं कि स्कूल शिक्षा विभाग में 35/40 वर्षो की सेवा करने के बाद भी,प्राचार्य पद पर बिना पदोन्नति पाएं प्रत्येक माह रिटायर्ड हो रहें प्रदेश के वरिष्ठ व्याख्यातागणों तथा वरिष्ठ प्रधान पाठकों की पीड़ा को देखते हुए प्राचार्य पदोन्नति के मार्ग की सभी क़ानूनी बाधाओं का समाधान कर राज्य शासन, स्कूल शिक्षा विभाग तथा लोक शिक्षण संचालनालय त्वरित कार्यवाही कर 15 अगस्त 2025 के पूर्व प्राचार्य पदोन्नति की काउंसलिंग की पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष ढंग से पूर्ण कर, प्रदेश में “टी एवं ई संवर्ग” में रिक्त प्राचार्य के समस्त पदों पर पदस्थापना आदेश जारी करें।
उल्लेखनीय हैं कि “छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” के प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह तथा उनके सहयोगियों ने छत्तीसगढ़ शासन के माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय सहित अन्य माननीय मंत्रीगणों, माननीय सांसदगणों, माननीय विधायकगणों तथा सचिव स्कूल शिक्षा विभाग,संचालक लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़,अवर सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, विभागीय उच्च अधिकारियों से मुलाक़ात करके अनेकों बार ज्ञापन सौंप कर प्राचार्य पदोन्नति का आदेश जारी करवाने तथा प्राचार्य पदोन्नति के मार्ग में बाधित सभी क़ानूनी मामलों का उचित समाधान किए जाने के लिए लगातार पहल किया हैं, इसी का प्रतिफल हैं कि माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ के द्वारा प्राचार्य पदोन्नति के सभी मामलों में सुनवाई के बाद 1 जुलाई 2025 को अपना निर्णय दिया हैं। माननीय हाई कोर्ट छत्तीसगढ़ बिलासपुर ने 1 जुलाई 2025 को दिए अपने महत्वपूर्ण फ़ैसले में प्राचार्य पदोन्नति पर लगी हुई स्टे को हटा दिया हैं तथा अनेकों याचिकाओं को खारिज कर दिया हैं, किन्तु माननीय हाईकोर्ट छत्तीसगढ़ के सिंगल बैंच के द्वारा प्राचार्य पदोन्नति के एक मामले में स्टे दिए जाने के कारण “ई संवर्ग” की प्राचार्य पदोन्नति पर अभी भी क़ानूनी रोक लगी हुई हैं। आगामी 28 जुलाई 2025 को माननीय हाईकोर्ट छत्तीसगढ़ के सिंगल बैंच में प्राचार्य पदोन्नति के उक्त मामले में सुनवाई होनी हैं। माननीय हाईकोर्ट छत्तीसगढ़ द्वारा प्राचार्य पदोन्नति के उक्त मामले में फैसला दिए जाने के बाद प्राचार्य पदोन्नति के मार्ग में कोई क़ानूनी बाधा नहीं रहेगी। माननीय हाईकोर्ट छत्तीसगढ़ के द्वारा प्राचार्य पदोन्नति के उक्त मामले में फैसला दिए जाने के बाद शासन द्वारा निर्बाध ढंग से प्राचार्य पदोन्नति की पूरी प्रक्रिया अविलम्ब पूर्ण की जा सकती हैं।
“छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” के प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने कहा हैं कि विगत 1 जुलाई 2025 को माननीय हाईकोर्ट छत्तीसगढ़ के डिवीज़न बैंच द्वारा प्राचार्य पदोन्नति के मामले में विभिन्न याचिकाओं को ख़ारिज करते हुए प्राचार्य पदोन्नति में लगी स्टे को हटा दिया है। वर्तमान में “टी संवर्ग” में किसी प्रकार की कोई क़ानूनी रोक नहीं लगी हैं, अतः शासन से मांग की गई हैं कि “टी संवर्ग” अंतर्गत प्राचार्य पदोन्नति के लिए काउंसलिंग की तिथि शीघ्र घोषित कर 15 अगस्त के पूर्व प्राचार्य पदोन्नति की पूरी प्रक्रिया पूर्ण कर पदस्थापना आदेश जारी किया जावें। इसी प्रकार माननीय हाईकोर्ट छत्तीसगढ़ के सिंगल बैच में “ई संवर्ग” की प्राचार्य पदोन्नति के एक मामले में स्टे लगे होने के कारण अभी तक शासन द्वारा प्राचार्य पदोन्नति की प्रक्रिया पूर्ण नहीं की जा सकी हैं। प्राचार्य पदोन्नति के उक्त मामले में आगामी 28 जुलाई 2025 को माननीय हाईकोर्ट छत्तीसगढ़ में सुनवाई होनी हैं। उक्त मामले में माननीय हाईकोर्ट छत्तीसगढ़ के द्वारा फैसला दिए जाने के बाद, शासन द्वारा प्राचार्य पदोन्नति की काउंसलिंग सम्बंधी प्रक्रिया तत्काल पूर्ण कर प्रदेश में रिक्त प्राचार्य के समस्त पदों पर पदस्थापना आदेश जारी किया जावें, ताकि प्रत्येक माह तेज़ी से रिटायर्ड हो रहें प्रदेश के वरिष्ठ व्याख्याता तथा वरिष्ठ प्रधान पाठकों को उनके अंतिम सेवाकाल में प्राचार्य पदोन्नति का लाभ मिल सकें।
प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने राज्य शासन, सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, संचालक लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़ से पुरज़ोर मांग की हैं कि, प्राचार्य पदोन्नति के प्रथम चरण में प्रदेश में “टी संवर्ग” में प्राचार्य के रिक्त सभी पदों पर 15 अगस्त 2025 के पहले निष्पक्ष ढंग से काउंसलिंग की पूरी प्रक्रिया पूर्ण कर पदस्थापना आदेश जारी करने की मांग की हैं। तत्पश्चात प्राचार्य पदोन्नति के द्वितीय चरण में “ई संवर्ग” के क़ानूनी मामले का समाधान कर “ई संवर्ग” की प्राचार्य पदोन्नति के लिए निष्पक्ष ढंग से काउंसलिंग की प्रक्रिया पूर्ण कर प्राचार्य पद पर पदस्थापना आदेश जारी किया जावें।
“छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा” के प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने सचिव स्कूल शिक्षा विभाग तथा संचालक लोक शिक्षण संचालनालय से मांग की हैं कि विभाग में 35/40 वर्षों की सेवा करने के बाद भी बिना प्राचार्य पदोन्नति पाएं प्रत्येक माह 150/200 की संख्या में वरिष्ठ नियमित व्याख्याता एवं वरिष्ठ प्रधान पाठक रिटायर्ड हो रहें हैं, अतः वरिष्ठ व्याख्याता एवं वरिष्ठ प्रधान पाठकों की पीड़ा को देखते हुए अविलम्ब प्राचार्य पदोन्नति के लिए काउंसलिंग की तिथि घोषित कर, निष्पक्ष ढंग से काउंसलिंग की प्रक्रिया पूर्ण कर, पदस्थापना आदेश जारी किया जावें।
प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने सचिव स्कूल शिक्षा विभाग,संचालक लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़ से मांग की हैं कि दिनांक 30.04.2025 को स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी किये गए प्राचार्य पदोन्नति के आदेश की सूची में आज की स्थिति में रिटायर्ड हो चुके लोगों के स्थान पर प्रतीक्षा सूची में से वरिष्ठता के अनुसार पात्र लोगों को पदोन्नति सूची में शामिल करने की मांग की हैं। उन्होंने शासन से यह भी मांग की हैं कि माननीय हाई कोर्ट छत्तीसगढ़ के द्वारा प्राचार्य पदोन्नति के मामले में दिए गए फैसले का अनुपालन कर, शासन द्वारा निर्धारित प्रमोशन नीति नियम के आर्टिकल 15 के अनुसार प्रधान पाठक से व्याख्याता बने लोगों को भी प्राचार्य पदोन्नति का लाभ दिया जावे, तथा ऐसे नियमित व्याख्याता जो पूर्व में प्रधान पाठक रहें हैं, उनकी वरिष्ठता के अनुरूप दिनांक 30.04.2025 से प्राचार्य पद पर पदोन्नति कर सूची जारी किया जावें।
प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने शासन से पुरज़ोर मांग कर कहा हैं कि 15 अगस्त 2025 के पूर्व प्राचार्य पदोन्नति की नियमानुसार निष्पक्ष तरीके से काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूर्ण करके “टी एवं ई संवर्ग” में प्राचार्य के रिक्त समस्त पदों पर पदस्थापना आदेश जारी किया जावें। ताकि प्राचार्यविहीन विद्यालयों में पदोन्नति के बाद पूर्णकालिक प्राचार्य के पदस्थ होने से विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ होगी तथा प्रदेश में शिक्षा गुणवत्ता में वृद्धि के साथ शिक्षा का स्तर और ऊँचा हो सकेगा।